China India 6th Generation Fighter Jet : हाल ही में चीन ने अपने दो छठवीं पीढ़ी के फाइटर जेट को एक साथ उड़ाकर दुनिया में हलचल मचा दी थी. चीन ने अपने दो विमानों का परीक्षण किया है, जिसका वीडियो दुनियाभर में वायरल हो गया है. चीन के 6वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों को कई देश अपने लिए खतरे के तौर पर देख रहे हैं. वहीं, भारत में भी चीन के लड़ाकू विमानों की गूंज सुनाई दे रही है. जहां भारत के पास फिलहाल पांचवी पीढ़ी का कोई फाइटर जेट नहीं है, वहीं चीन अब अपने छठे जेनरेशन के विमान का काम पूरा कर चुका है.


वहीं भारत का एक और पड़ोसी देश पाकिस्तान चीन से पांचवे जेनरेशन का फाइटर जेट खरीद रहा है. जबकि भारत ने हाल ही में 4.5 पीढ़ी का राफेल फाइटर जेट खरीदा है.


रिपोर्ट के मुताबिक, भारत को दुनिया के 2 छठवीं पीढ़ी के फाइटर जेट प्रोजेक्ट में शामिल होने का ऑफर मिला है. बुल्गारिया की मीडिया के मुताबिक, जर्मनी, फ्रांस और स्पेन ने भारत को अपने फ्यूचर कॉम्बैट एयर सिस्टम (FCAS) में शामिल होने का ऑफर दिया है. ये देश भारत को छठवीं पीढ़ी के फाइटर जेट बनाने के प्रोजेक्ट शामिल करना चाहते हैं. जबकि दूसरी ओर ब्रिटेन, जापान और इटली के एक ग्रुप ने भी भारत के ग्लोबल कॉम्बैट एयर सिस्टम (GCAS) में शामिल होने का ऑफर दिया है. रिपोर्ट के मुताबिक भारत को मिले ये ऑफर भारत की एक रणनीतिक भागीदार के रूप में बढ़ रही ख्याति को दिखाते हैं.






बीच मझधार में फंस गया भारत


रिपोर्ट्स के अनुसार, अब दो ऑफर्स की वजह से भारत बीच मझधार में फंस गया है. भारत के लिए अब दुविधा इस बात की है कि भारत ने अपने स्वदेशी एडवांस्ड मिडियम कॉम्बैट सिस्टम (AMCS) एयरक्राफ्ट में बड़े पैमाने पर निवेश किया है. जो भारत को 5.5 पीढ़ी के फाइटर जेट के साथ हवाई युद्ध में तकनीकी आत्मनिर्भरता दे सकता है. अगर भारत FCAS या GCAS में किसी एक को चुनता है तो उसे अत्याधुनिक तकनीक भी मिल सकती है. लेकिन इससे भारत के अपने AMCS प्रोजेक्ट से ध्यान भटक सकता है. 


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