धरती के घूमने की गति को चीन ने किया धीमा! नासा ने जारी की चेतावनी, जानें ड्रैगन क्या दुनिया में लाना चाहता है तबाही
China Dam: नासा के वैज्ञानिक बेंजामिन फोंग चाओ के अनुसार, इस थ्री गॉर्ज डैम ने धरती की घूमने की गति को 0.06 माइक्रोसेकंड प्रतिदिन के हिसाब से धीमा कर दिया है.
China Dam: नासा ने चेतावनी दी है कि चीन के विशाल थ्री गॉर्ज डैम की वजह से धरती की घूमने की स्पीड धीमी हो गई है. डैम में भारी मात्रा में पानी स्टोर होने की वजह से धरती के घूमने की गति हर दिन के हिसाब से 0.6 माइक्रो सेकंड तक धीमा हो चुकी है. यांग्त्ज़ी नदी पर बनाए गए विशाल थ्री गॉर्ज डैम में ज्यादा पानी होने की वजह से उसने धरती के moment of inertia को बदल दिया है, जिसकी वजह से रोटेट करने के दौरान गति में बदलाव देखा जा रहा है.
उदाहरण के तौर पर जैसे एक स्केटर अपने हाथों को भीतर खींचकर तेजी से घूमता है और फैलाकर अपनी गति को धीमा करता है. वैसे ही धरती के घूमने की स्पीड पर पानी के फैलाव का प्रभाव पड़ता है. जब किसी भी चीज का मास धरती के सेंटर के पास होता है तो धरती तेजी से घूमती है. हालांकि, जब मास धरती के सतह पर फैल जाता है तो इसकी गति धीमी हो जाती है. इस वजह से थ्री गॉर्ज डैम में रखा गया पानी धरती के स्पीड को कम करने की मुख्य वजह मानी जा रही है.
क्या कहते हैं नासा के वैज्ञानिक?
नासा के वैज्ञानिक बेंजामिन फोंग चाओ के अनुसार, इस थ्री गॉर्ज डैम ने धरती की घूमने की गति को 0.06 माइक्रोसेकंड प्रतिदिन के हिसाब से धीमा कर दिया है. हालांकि, यह बदलाव काफी छोटा है. लेकिने ये दिखाता है कि मानव निर्मित संरचनाएं कैसे धरती की प्राकृतिक प्रक्रियाओं को प्रभावित कर सकती हैं.
धरती के घूमने की स्पीड कैसे होती है प्रभावित
धरती की घूमने की गति को समझने में moment of inertia एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. यह बताता है कि किस प्रकार मास धरती की घूमने की धुरी के संबंध में फैला हुआ है. जब बड़ी मात्रा में पानी जमा होता है तो यह मास भूमध्य रेखा की ओर फैलता है, जिससे धरती का moment of inertia बदल जाता है. थ्री गॉर्ज डैम में 40 बिलियन क्यूबिक मीटर पानी रखा जा सकता है. इस मास को भूमध्य रेखा की ओर ट्रांसफर करता है. यह धरती के moment of inertia को थोड़ा बढ़ा देता है, जिससे धरती की गति थोड़ी धीमी हो जाती है.
थ्री गॉर्ज डैम एक तकनीकी चमत्कार
थ्री गॉर्ज डैम तकनीकी नजरिए से एक महान चमत्कार भी है. यह डैम 185 मीटर ऊंचा और 2 किलोमीटर से अधिक लंबा है, जो दुनिया का सबसे बड़ा बिजली पैदा करने वाला डैम है. अपनी पूर्ण क्षमता पर यह 22,500 मेगावाट बिजली उत्पन्न करता है, जिससे लाखों घरों और उद्योगों को एनर्जी मिलती है.
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