China Zhurong (rover) On Mars: अंतरिक्ष कार्यक्रमों में अमेरिका की होड़ कर रहे चीन ने लाल ग्रह (मंगल) पर एक बड़ा कारनामा किया है. चीन ने अपने अंतर्ग्रहीय अन्वेषण प्रोग्राम (China Interplanetary Exploration Program) के तहत तियानवेन-1 रोवर को मंगल ग्रह (Mars) पर भेजा और एक खास निशानी वहां छोड़ी. चीनी खगोलविदों और वैज्ञानिकों ने बताया कि उन्‍होंने पहला कलर-कोडिड ग्लोबल मैप (Color-Coded Global Map) रिलीज कर दिया.


बता दें कि मंगल ग्रह की पृथ्वी से न्यूनतम दूरी 54.6 मिलियन किलोमीटर होती है और जब ये दोनों ग्रह चक्कर लगाते हुए एक-दूजे से और दूर चले जाते हैं तो ये दूरी बढ़कर  401 मिलियन किमी तक हो जाती है. खगोलविदों का कहना है कि दोनों के बीच औसत दूरी लगभग 225 मिलियन किमी है. किसी भी देश के स्पेस प्रोग्राम के लिए इतनी अधिक दूरी तक अपने स्पेसक्राफ्ट या रोवर भेजना बेहद मुश्किल होता है. 




चीन के लिए भी लाल ग्रह की यात्रा आसान नहीं थी, हालांकि अब वहां की सरकार खगोलविदों और वैज्ञानिकों की टीम को बधाइयां दे रही है, उसका कहना है कि उनका मिशन एक शानदार सफलता है.


जानकारी के मुताबिक, चीन ने मंगल ग्रह के लिए एक ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर का प्रोजेक्ट 2020 में लॉन्च करने की योजना बनाई थी. जुलाई 2020 में तियानवेन-1 स्पेसक्राफ्ट को वेनचांग लॉन्चिंग सेंटर से लांग मार्च 5 रॉकेट (Long March 5) द्वारा लॉन्च किया गया था. इसका प्रमुख उद्देश्य मंगल ग्रह की मिट्टी, भूवैज्ञानिक संरचना, पर्यावरण, वायुमंडल और पानी की वैज्ञानिक जांच करना था.


भारत ने चीन से सस्ते में पूरा किया था मिशन मंगल
चीन से कई साल पहले भारत ने अपना मार्स ऑर्बिटर मिशन (MOM) लॉन्च कर सफलता पाई थी. उसकी लागत भी चीन से कम थी. उसमें कुल 450 करोड़ रुपये लागत आई थी. उसे 5 नवंबर, 2013 को PSLV-C25 द्वारा लॉन्च किया गया था. सितंबर, 2014 में उसे अपने पहले ही प्रयास में सफलतापूर्वक मंगल की कक्षा में स्थापित किया गया था. मंगलयान भारत का पहला अंतरग्रहीय मिशन था.


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