अमेरिकी ने कहा- अरुणाचल प्रदेश चीन का नहीं तो ड्रैगन ने किया पलटवार
Indo-China Tension: कुछ दिन पहले चीन के प्रवक्ता ने भारत के अरुणाचल प्रदेश को चीन का हिस्सा बताया था लेकिन अमेरिका ने इसका विरोध किया.
China On America: फिलिपींस स्थित चीनी दूतावास के प्रवक्ता ने बुधवार (20 मार्च) को फिलिपींस की यात्रा के दौरान अमेरिकी विदेश मंत्री की दक्षिण चीन सागर के बारे में गलत भाषण पर संवाददाता के सवाल का जवाब दिया. प्रवक्ता ने कहा कि हाल में दक्षिण चीन सागर की स्थिति तनावपूर्ण बनी रही. चीन ने इसे नहीं भड़काया. इसकी जिम्मेदारी चीन की नहीं है. उल्लंघन और उकसावे के सामने चीन को अपनी प्रादेशिक अखंडता, प्रभुसत्ता और समुद्री अधिकार की रक्षा के लिए आवश्यक उपाय करने पड़े.
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने अपने भाषण में तथ्यों की अनदेखी कर दक्षिण चीन सागर में चीन पर कानूनी कार्रवाई का निराधार आरोप लगाया. उन्होंने फिर एक बार तथाकथित अमेरिका-फिलिपींस समान रक्षा संधि में निर्धारित कर्तव्य के बहाने चीन को धमकी दी. चीन इसका कड़ा विरोध करता है.
'दक्षिण चीन सागर को खतरें में डालने वाला अमेरिका'
प्रवक्ता ने यह भी कहा कि दक्षिण चीन सागर में नेविगेशन की स्वतंत्रता में कोई समस्या नहीं है. अमेरिका बार-बार कहता है कि वह दक्षिण चीन सागर में नेविगेशन की स्वतंत्रता की रक्षा करता है, इसका असली मकसद अमेरिकी युद्धपोत के आने-जाने की स्वतंत्रता की रक्षा करना है. अमेरिकी युद्धपोत उकसावे भरी कार्रवाई करने के लिए चीन आते हैं. यह बिलकुल प्रभुत्वावाद है. दक्षिण चीन सागर की शांति और स्थिरता को खतरे में डालने वाला कोई नहीं, बल्कि अमेरिका है.
'चीन और फिलिपींस के बीच आने का अमेरिका को अधिकार नहीं'
प्रवक्ता ने आगे कहा कि अमेरिका दक्षिण चीन सागर मुद्दे का सीधा पक्ष नहीं है. चीन और फिलिपींस में हस्तक्षेप करने का अमेरिका का कोई अधिकार नहीं है. अमेरिका को दक्षिण चीन सागर के मुद्दे में परेशानी नहीं पैदा करनी चाहिए. चीन अपनी प्रादेशिक अखंडता, प्रभुसत्ता और समुद्री अधिकार की रक्षा करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगा, ताकि दक्षिण चीन सागर में शांति और स्थिरता कायम हो सके.
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