China Spy Base in Cuba: दुनिया के सबसे ताकतवर मुल्क अमेरिका (US) की चीन (China) से तकरार हो रही है. यूएस इंटेलिजेंस की एक खुफिया रिपोर्ट सामने आने के बाद से रक्षा विशेषज्ञ चीन की नीयत पर सवाल उठा रहे हैं. वहीं, अमेरिकी सत्ता के केंद्र व्हाइट हाउस (White House) ने कहा है कि चीन 2019 से क्यूबा के एक गुप्त ठिकाने से अमेरिका की जासूसी कर रहा है.


वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक, बाइडेन प्रशासन ने क्यूबा में चीन का स्‍पाई सेंटर (जासूसी केंद्र) होने का दावा किया, और अधिकारियों ने कहा कि ये ठिकाना उन दर्जनों जगहों में से एक है जिसे चीन ने स्थापित किया है, या स्थापित करने की मांग की है. अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि चीन दुनिया भर में खुफिया जानकारी एकत्र करने और अन्य सैन्य अभियानों का विस्तार करना चाहता है. 




'अमेरिका पर निगाह रखने के लिए क्‍यूबा का इस्‍तेमाल'
बाइडेन प्रशासन के एक अधिकारी ने नए अनक्‍लासीफाइड इंटेलिजेंस का हवाला देते हुए कहा कि क्यूबा में एक स्‍पाई सेंटर कम से कम 4 से मौजूद है, और उसके जरिए चीन अमेरिका की संवेदनशील जानकारियां जुटा रहा था. हालांकि, नाम न छापने की शर्त पर अधिकारी ने यह बताने से इनकार कर दिया कि वो 'स्‍पाई सेंटर' कब बनाया गया था. द गार्जियन ने बताया कि अमेरिकी अधिकारी का कहना है कि चीन सालों से क्यूबा को जासूसी अड्डे के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है. उधर, चीन ने अमेरिका के आरोपों को कोरा झूठ बताया है. 


जासूसी के गुब्‍बारे पर भी भिड़ गए थे दोनों देश
अमेरिका ने इससे पहले साल की शुरूआत में आसमान में अपने मोंटाना क्षेत्र के उूपर उड़ते एक विशाल गुब्‍बारे को नष्‍ट किया था. वो गुब्‍बारा चीन का था, और अमेरिका ने तब कहा था कि चीन विशाल गुब्‍बारे भेजकर जासूसी कर रहा है. अमेरिकी वायुसेना के लड़ाकू विमान ने चीनी गुब्‍बारे को हवा में ही मार गिराया था. जिसके बाद चीन और अमेरिका में तेजी से तनाव बढ़ गया था. चीन का कहना था कि वो जासूसी गुब्‍बारा (Spy Balloon) नहीं था, बल्कि मौसम की जानकारी जुटाने वाला गुब्‍बारा था.


यह भी पढ़ें: जासूसी गुब्बारा फुस्स होने के बाद अमेरिका चीन आए आमने-सामने, पहली बार मिले दोनों देशों के विदेश मंत्री, जानिए क्या कुछ हुआ