China Vs America: अमेरिकी संसद की स्पीकर नैंसी पेलोसी (Nancy Pelosi) की ताइवान (Taiwan) यात्रा से चीन (China) और अमेरिका (America) के बीच तनाव बढ़ गया है. चीनी मीडिया (Chinese Media) के जरिये अमेरिका पर हमला किया जा रहा है. चीन ने सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स (Global Times) के जरिये कहा है कि ताइवान की आड़ में अमेरिका उसे दबाने की कोशिश कर रहा है. अखबार में लिखा गया कि अमेरिका के पास चीन को दबाने का दम नहीं है इसलिए ताइवान का सहारा ले रहा है. वहीं, नैंसी पेलोसी ने कहा है कि वह लोकतंत्र और मानवाधिकारों की रक्षा के लिए काम करती रहेंगी. ताइवान से दक्षिण कोरिया पहुंचने के बाद नैंसी पेलोसी ने ट्वीट किया, जिसमें कहा, ''ताइवान की जनता के साथ अमेरिका खड़ा रहेगा, हम लोकतंत्र और मानवाधिकार की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं.'' 


व्हाइट हाउस ने पेलोसी की यात्रा पर कहा है कि स्पीकर के पास अधिकार हैं कि वह जहां चाहें, यात्रा कर सकें. राष्ट्रीय सुरक्षा और उनके फैसले को ध्यान में रखते हुए हम उन्हें सहायता प्रदान करते हैं और जियो पॉलिटिकल की ब्रीफिंग देते हैं. व्हाइट हाउस ने कहा कि वह तय नहीं करता है कि पेलोसी कहां जाती हैं. वह खुद फैसला लेती हैं. व्हाइट हाउस की ओर कहा गया कि जैसा कि सभी जानते हैं कि राष्ट्रपति 36 वर्षों तक सीनेटर थे, वह व्यक्तिगत तथ्य को समझते हैं. इसलिए यह बात सबसे पहले है. इससे हमारी दीर्घकालिक योजनाओं, अमेरिकी नीति में कोई फर्क नहीं पड़ता है.


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व्हाइट हाउस ने क्या कहा?


व्हाइट हाउस ने कहा कि हम यह स्पष्ट कर चुके हैं. पेलोसी की यात्रा से कुछ भी नहीं बदला है. पेलोसी ने एक मिसाल कायम की, हमने यहां उनकी ताइवान की यात्रा के बारे में बात की है. कुछ भी नहीं बदला है, इसलिए बीजिंग के लिए इस यात्रा का विरोध करने का कोई कारण नहीं है. राष्ट्रपति ने पिछले हफ्ते चीनी समकक्ष से बात की थी. यह उनकी पांचवीं वार्ता थी. उन्होंने खुला संवाद जारी रखा है. यही हम चीन के साथ चाहते रहे हैं. अमेरिकी नीति में कोई बदलाव देखने का कोई कारण नहीं है, यह वैसे ही लगातार जारी है. वहीं, एक रिटायर्ड ताइवानी लेफ्टिनेंट जनरल हरमन शुआई ने कहा कि चीनी सेना का युद्धाभ्यास ताइवान के प्रमुख बंदरगाहों और शिपिंग लेन के लिए खतरा पैदा कर सकता है.


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