चीन ने दक्षिण चीन सागर को लेकर अमेरिका के साथ ‘बड़े युद्ध’ की चेतावनी दी
बीजिंग: चीन की आधिकारिक मीडिया ने बीते शुक्रवार को चेतावनी दी है कि अगर अमेरिका, दक्षिण चीन सागर में बीजिंग की तरफ से बनाए गए कृत्रिम द्वीपों (आर्टिफीशियल आइलैंड) तक पहुंचने से उसे रोकता है तो ‘बड़ा युद्ध’ हो सकता है. एक दिन पहले ही अमेरिका में विदेश मंत्री पद के लिए नॉमिनेट रेक्स टिलरसन ने कहा था कि वॉशिंगटन को चाहिए कि वह बीजिंग को द्वीपों तक पहुंचने से रोके.
सरकारी अखबार 'ग्लोबल टाइम्स' ने लिखा है कि ‘क्या टिलरसन की धमकी सिर्फ सीनेट के लिए धोखा है?’ अखबार ने इस टाइटल के तहत लिखे गए अपने तीखे लेख में कहा है कि उनकी बातों का लक्ष्य ‘सीनेट सदस्यों का समर्थन जुटाना और जानबूझकर चीन की ओर कठोर रुख दिखाना था, जिसके सहारे उनकी नियुक्ति की संभावनाओं को बढ़ाने का प्रयास किया गया.’
विदेश मंत्री के पद पर नियुक्ति की मंजूरी के लिए सुनवायी के दौरान रेक्स टिलरसन ने सीनेट से कहा था कि दक्षिण चीन सागर में चीन की तरफ से द्वीपों का निर्माण रूस का क्रीमिया पर नियंत्रण करने के जैसा है. ख़बरों के अनुसार, उन्होंने कहा था कि अमेरिका की नई सरकार चीन को साफ संदेश भेजेगी कि द्वीपों का निर्माण बंद हो और उन द्वीपों तक चीन को पहुंचने की अनुमति नहीं होगी.
आगे लिखा गया है, ‘‘यह साफ नहीं है कि उन्होंने जितने बातें कही हैं उनमें से किसे प्रमुखता देंगे. लेकिन उनकी बातों पर ध्यान देना जरूरी है कि चीन को इन द्वीपों तक पहुंच नहीं दिया जाना चाहिए, क्योंकि अमेरिका की ओर से अभी तक यह सबसे कठोर प्रतिक्रिया है.’’
एक और सरकारी अखबार ‘चाइना डेली’ का कहना है, ‘‘यह सवाल अभी बना हुआ है कि क्या एक्सॉन मोबिल कॉर्प के पूर्व चेयरमैन और मुख्य कार्यकारी टिलरसन को विदेश मंत्री के रूप में सीनेट की मंजूरी मिलेगी.’’ आगे लिखा गया है, ‘‘अगर उनकी नियुक्ति होती है, तो यह देखने लायक होगा कि चीन के विरुद्ध उनके विचार किस हद तक अमेरिकी विदेशी नीतियों का रूप लेते हैं. आखिरकार, अमेरिकी सीनेट के विदेश मामलों की समिति के सामे बीते बुधवार को नियुक्ति की सुनवायी के दौरान हमने जो कुछ भी सुना वह उनका व्यक्तिगत झुकाव हैं.’’