(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
हिंद महासागर में कसेगा ड्रैगन पर शिकंजा, भारत-USA जल्द उठा सकते हैं ये बड़ा कदम
India-America relations:चीन लगातार हिंद महासागर में अपना प्रभुत्व बढ़ाने की कोशिश कर रहा है. जिस वजह से भारत और अमेरिका दोनों ही चिंतित नजर आ रहे हैं.
India-America relations: हिंद महासागर क्षेत्र में चीन लगातार अपना प्रभाव बढ़ा रहा है. इसी बीच अमेरिका ने हिंद महासागर क्षेत्र में भारत के साथ ज्यादा निकटता से सहयोग करने का निर्णय लिया है. अमेरिकी उप विदेश मंत्री कर्ट एम कैंपबेल ने इसको लेकर बयान जारी किया है.
उन्होंने कहा, "मैं आप को बताना चाहता हूं कि अमेरिका और भारत हिंद महासागर पर एक सत्र आयोजित करने जा रहे हैं. इस बारे में हम बात करने जा रहे हैं कि हमारी आपसी चिंताएं क्या है, हम कैसे एक साथ बात कर सकते हैं. अमेरिकी उप विदेश मंत्री कर्ट एम कैंपबेल ने ये बात हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी रिपब्लिकन में की.
हिंद महासागर में भारत के साथ काम करना चाहता है अमेरिका
WION ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि अमेरिका हिंद महासागर में भारत जैसे साझेदार के साथ काम करने को लेकर उत्सुक है. यह वैश्विक व्यापार के लिए सबसे महत्वपूर्ण जलमार्गों में से एक है. हिंद महासागर से हर दिन बड़ी मात्रा में शिपिंग यातायात गुजरता है.
एक अनुमान के अनुसार, दुनिया का 60 प्रतिशत समुद्री व्यापार यहीं से होकर जाता है. इसमें दुनिया के एक तिहाई कंटेनर कार्गो और दुनिया के दो-तिहाई तेल शिपमेंट शामिल हैं. यहां पर करीब 36 मिलियन बैरल की आवाजाही होती है. यह दुनिया के लगभग 40 फीसदी तेल आपूर्ति और 64 फीसदी तेल व्यापार के बराबर है.
चीन बढ़ा रहा है अपनी उपस्थिति
पिछले कुछ समय में चीन इस क्षेत्र अपनी उपस्थिति बढ़ा रहा है. चीन जिबूती में एक सैन्य अड्डा भी बना चुका है. जो 2017 में चालू हो गया. इसके अलावा माना जा रहा है आने वाले चार सालों में चीन यहां पर एक स्थायी विमानवाहक पोत उतार सकता है. इस बात से भारत और अमेरिका दोनों ही चिंतित हैं. ऐसे में भारत और अमेरिका इस मुद्दे पर साथ में काम करने पर राजी हो सकते हैं.