नई दिल्ली: चीन के बाद पूरी दुनिया के करीब 200 देशों में कोरोना वायरस ने अपने पैर पसार लिए. चीन ने ये दावा कर रहा है कि उसने इस महामारी पर काबू पा लिया है कि अभी भी वहां से कई ऐसी खबरें सामने आ रही हैं जो चौंका रही हैं. दरअसल, चीन के वुहान में संक्रमित मरीजों का इलाज कर रहे दो डॉक्टर्स खुद कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए. इसके बाद इन दोनों डॉक्टर्स का चेहरा काला पड़ गया है.
मेट्रो यूके की एक रिपोर्ट के मुताबिक, डॉक्टर यी फेन और हू वेईफेंग के चेहरे का रंग काला पड़ गया है. ये दोनों डॉक्टर चीन के वुहान के अस्पताल में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों का इलाज कर रहे थे. इस दौरान ये दोनों डॉक्टर भी वायरस से संक्रमित हो गए. दोनों वुहान सेंट्रल अस्पताल में जनवरी के आखिरी सप्ताह में एडमिट हुए थे. रिपोर्ट के मुताबिक, इन्हें लाइफ सपोर्ट पर रखा गया था. दोनों डॉक्टर काफी हद तक ठीक हो चुके हैं.
क्यों बदल गया चेहरे का रंग?
कहा जा रहा है कि दोनों डॉक्टर्स के लिवर को वायरस ने बहुत नुकसान पहुंचाया है. लिवर प्रभावित होने के बाद इसका असर स्किन के रंग पर पड़ने लगता है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ये दोनों डॉक्टर ली वेनलियांग के सहयोगी थे. ली वेनलियांग ही वो शख्स थे जिन्हें सबसे पहली बार कोरोना वायरस के बारे में जानकारी दी थी. ली वेनलियांग खुद भी डॉक्टर थे और 7 फरवरी को कोरोना वायरस के संक्रमण से उनकी मौत हो गई थी. मरीजों के इलाज के दौरान ली भी कोविड-19 से संक्रमित हो गए थे.
गौरतलब है कि कोरोना वायरस का सबसे पहला मामला पिछले साल दिसंबर में चीन के वुहान शहर में सामने आया था. चीन पर ये आरोप लगे कि उसने इस बारे में दुनिया के दूसरे देशों को इसके बारे में जानकारी देने में देरी की. अमेरिका इसको लेकर चीन पर कई बार निशाना भी साध चुका है. अमेरिका का कहना है कि कोरोना वायरस को लेकर चीन का रवैया बेहद निराशानजक रहा है.
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