Pakistan China Relation: चीन ने दिया पाकिस्तान को बड़ा 'धोखा', श्रीलंका को कर्ज में राहत मगर ब्रदर शहबाज को दिखाया ठेंगा
Pakistan Crisis: पाकिस्तान में विदेशी मुद्रा भंडार की भारी कमी है. डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत लगातार घट रही है. बढ़ती महंगाई (Inflation) ने आम लोगों का जीना हराम कर दिया है.
China on Pakistan Economic Crisis: पाकिस्तान मौजूदा दौर में गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है. देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चौपट होती दिख रही है. देश में विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves) की भारी कमी है और सरकार जरूरी चीजें भी आयात करने से बच रही है. कई देश अब शहबाज शरीफ सरकार (Shehbaz Sharif Govt) को कर्ज देने से मुंह फेर रहे हैं. सरकार आईएमएफ के आगे भी कर्ज के लिए गिड़गिड़ा रही है. इस बीच पाकिस्तान को उसके खास दोस्त ड्रैगन ने भी धोखा दे दिया है.
पाकिस्तान (Pakistan) का विदेशी मुद्रा भंडार 10 साल के निचले स्तर पर पहुंच गया है. ऐसे में शहबाज सरकार कर्ज के लिए चीन समेत कई और देशों से गुहार लगा रही है.
चीन ने पाकिस्तान को दिया धोखा
चीन की शी जिनपिंग सरकार ने पाकिस्तान को बिना शर्त कर्ज देने से इनकार कर दिया है, जबकि श्रीलंका को कर्ज चुकाने में राहत दी है. अमेरिका के विल्सन सेंटर में दक्षिण एशिया इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर और पाकिस्तानी मामलों के एक्सपर्ट माइकल कुगेलमैन ने लिखा, ''बीजिंग ने श्रीलंका को कर्ज चुकाने के लिए 2 साल की राहत की पेशकश की है. वहीं, इसने अपने करीबी सहयोगी पाकिस्तान को कर्ज में राहत की पेशकश नहीं की है, जो खतरनाक रूप से डिफ़ॉल्ट के करीब है''.
एक्सपर्ट भी जता रहे हैं हैरानी
माइकल कुगेलमैन ने हैरानी जताते हुए आगे कहा, ''अमेरिका ने पाकिस्तान से कहा था कि वो चीन से कर्ज माफी मांगने के लिए आग्रह करे. पाकिस्तान को कर्ज में राहत नहीं देने के चीन के फैसले की क्या व्याख्या हो सकती है?'' उन्होंने ये भी बताया कि श्रीलंका पर चीन का 52 फीसदी कर्ज बकाया है. वहीं, पाकिस्तान पर लगभग 30% बकाया है.
पाकिस्तान में गंभीर आर्थिक संकट
गंभीर आर्थिक संकट (Economic Crisis) के बीच 31 जनवरी को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) मिशन ने 7 बिलियन अमेरिकी डॉलर के सहायता पैकेज की नौवीं समीक्षा के लिए पाकिस्तान के साथ बातचीत शुरू की. बता दें कि पाकिस्तान में विदेशी मुद्रा भंडार की भारी कमी है. डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत लगातार घट रही है. आसमान छूती महंगाई से लोगों के सामने दो जून की रोटी की समस्या खड़ी हो गई है. ये सभी कारक आर्थिक संकट और बढ़ावा दे रहे हैं.
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