China's Covid Outbreak: चीन की राजधानी बीजिंग (Beijing) में बढ़ते कोविड (Covid) केसों पर लगाम लगा ली गई है. राजधानी बीजिंग सहित फाइनेंशियल हब माने जाने वाले शंघाई (Shanghai) में कोविड केस जीरो हैं. यहां कोविड केसों में कमी आने की सबसे बड़ी वजह लाखों लोगों को घरों में कैद करना रहा है. सोमवार को स्थानीय स्तर पर कोविड फैलने का एक भी मामला दर्ज नहीं हुआ है.
चार महीनों से तक घर में बंद रहे लोग
चीन के दो बड़े शहरों में बीते चार महीने कोविड-19 से निपटने की भीषण लड़ाई चली. लाखों लोगों को घरों में कैद कर दिया गया. सख्ती के साथ कोविड टेस्ट के साथ ही रोजाना के जिंदगी पर भी कई तरह के प्रतिबंध चीन के लोगों को झेलने पड़े. इससे समाज और और अर्थव्यवस्था के हर पहलू को प्रभावित हुआ. राजधानी बीजिंग और फाइनेंशियल हब शंघाई में सोमवार 27 जून को ये पहली बार हुआ है कि यहां 19 फरवरी के बाद कोविड संक्रमण का कोई केस नहीं आया.
चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के मुताबिक चीन में, केवल 22 मामलों कोविड के दर्ज हुए हैं. हालांकि कोविड से निपटने के लिए लोगों को भारी कीमत चुकानी पड़ी है शंघाई में जहां बीती 23 फरवरी से कोई नया कम्युनिटी केस दर्ज नहीं किया. वहां के 25 मिलियन से अधिक निवासियों ने दो महीने के लॉकडाउन का सामना किया.
जिंदगी पटरी पर लाने की कोशिश
बीजिंग में अधिकांश महामारी प्रतिबंधों में पिछली बार 16 अप्रैल को जीरो मामले दर्ज होने के बाद ढील दी जा रही है और छात्रों को सोमवार को इन-पर्सन स्कूल में लौटने की अनुमति दी जाएगी. यहां के लोगों को एक मोबाइल ऐप पर एक ग्रीन कोड दिखाना होता है जो उनके स्वास्थ्य की स्थिति को ट्रैक करता है. रेस्तरां, दुकानों और बड़े पैमाने पर परिवहन सहित किसी भी सार्वजनिक स्थल में प्रवेश करने के लिए हर तीन दिन में एक कोविड टेस्ट करवाना जरूरी है. यहां तक कि तीन साल से अधिक उम्र के बच्चों को भी पार्क में खेलने के लिए टेस्ट होना जरूरी है.
हालांकि अभी यह वायरस देश में कहीं न कहीं फैल रहा है. टेक्नोलॉजी हब शेन्ज़ेन (Shenzhen) में सोमवार को कोविड के पांच मामले दर्ज किए गए. इसके बाद हांगकांग (Hong Kong) की सीमा से लगते फ़ुटियन (Futian)जिले को तीन दिनों के लिए बंद कर दिया गया था. सभी गैर-जरूरी व्यवसाय बंद कर दिए गए और निवासियों को अपने परिसर से बाहर निकलने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.
दो शहरों में जीरो संक्रमंण से वायरस को काबू करना संभव
चीन के इन दो सबसे अहम शहरों में जीरो केस होने से यह उम्मीद जताई जा रही है, कि कोविड से सबसे संक्रामक वेरिएंट औमिक्रॉन (Omicron) पर काबू पाना संभव है उसे खत्म किया जा सकता है. यह कोविड का ऐसा खतरनाक वैरिएंट है जो वैक्सीनेशन के जरिए मजबूत की गई प्रतिरक्षा प्रणाली पर भी सेंध लगाता है.
अभी कोविड के खिलाफ जंग है जारी
हालांकि चीन में कोविड के खिलाफ जंग में इन दो अहम शहरों में जीरो केस होना एक अच्छा संकेत है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि लड़ाई खत्म हो गई है. नए संक्रमण के मामले किसी भी वक्त सामने आ सकते हैं, जिससे किसी भी शहर में नए सिरे से रोकथाम का चक्र शुरू हो जाएगा. चीन खुद अक्टूबर से वायरस मुक्त नहीं हुआ है, लेकिन अभी भी वो अपनी गहन कोविड ज़ीरो रणनीति (Intensive Covid Zero Strategy) पर चल रहा है.
कोविड के जीरो टॉलरेंस पॉलिसी से चीन पड़ा अलग-थलग
कोविड पर चीन की जीरो टॉलरेंस पॉलिसी इस देश को बाकी दुनिया से अलग-थलग कर रही है. चीनी अधिकारियों पर कोविड ज़ीरो से अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए भारी दबाव है. विशेष रूप से इस साल के अंत में होने जा रही कम्युनिस्ट पार्टी कांग्रेस से पहले राष्ट्रपति शी जिनपिंग (President Xi Jinping) के तीसरे कार्यकाल में उनकी कुर्सी सुरक्षित करने की.
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