नई दिल्ली: भारत में चीन के राजदूत लुओ झाओहुई ने कहा है कि भारत और चीन के रिश्ते इस समय इतिहास के बेहतरीन दौर में हैं. शुक्रवार को भारत-चीन युवा संवाद पर आयोजित एक कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वुहान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच वार्ता के बाद द्विपक्षीय सम्बंध फ़ास्ट ट्रैक विकास पर हैं. दोनों देश नेताओं के बीच बनी सहमति को तेज़ी से लागू कर रहे हैं.


चीन के राजदूत ने दोनों देशों का युवाओं और पेशेवरों के बीच संवाद बढ़ाने के लिए एक 6 सूत्रीय कार्ययोजना भी सुझाई. इसमें चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट यूथ लीग और भारत के युवा संगठनों के बीच संवाद बढ़ाने और भारत के आईटी इंजीनियरों को चीन में अधिक अवसर देने जैसे कई सुझाव शामिल हैं.


लुओ झाओहुई ने कहा," हम ज्यादा से ज्यादा भारतीय बच्चों को चाइना में और चाइना के बच्चों को भारत में पढ़ने के लिए प्रेत्साहित कर रहे हैं. 20 से ज्यादा चाइनीज यूनिवर्सिटी हिन्दी पढ़ाते हैं.''





लुओ झाओहुई ने आगे कहा कि चीन और भारत के युवा एक साथ खड़े हो जाएं तो एक मजबूत शक्ति हैं. इतिहास में दोनों देशों के युवा चीन और भारत के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार रहे हैं. उन्होंने कहा, ''विदेश सेवा में शामिल होने से पहले मैं एक युवा छात्र था जो भारतीय ललित कला के इतिहास पर शोध कर रहा था. मेरा सपना संग्रहालयों में अजंता और एलोरा गुफाओं, सांची और अमरवती स्तूप, खजुराहो का दौरा करना था. उस समय भारतीय वीजा लेना ज़रा मुश्किल ता इसलिए मैंने विदेश सेवा ज्वाइन किया. उन्होंने आगे कहा, '' मेरी पहली पोस्टिंग नई दिल्ली में हुई थी. मैं भारत में चीनी राजदूत था. इस दौरान मेरी पत्नी ने दिल्ली विश्वविद्यालय में अध्ययन किया और पीएचडी की डिग्री प्राप्त की.