Tiananmen Square: चीन में बैंकों के बाहर क्यों तैनात किए गए सेना के टैंक, जानिए इसकी इनसाइड स्टोरी
Chinese Bank: चीन के हेनान में लोगों ने चीनी बैंकों पर ये आरोप लगाया है कि अप्रैल से ही बैंकों से अपनी सेविंग्स निकालने से रोका जा रहा है, जिसके चलते हज़ारों लोगों ने बैंक के बाहर प्रदर्शन किया.
Chinese Tank Outside Bank: चीन में 4 जून 1989 का तियानमेन स्क्वायर (Tiananmen Square) का वाकया तो याद ही होगा आपको. जब चीनी सरकार (Chinese Government) ने प्रदर्शन कर रहे अपनी ही निर्दोष आम नागरिकों का कत्लेआम किया था. तब चीन (China) का एक आम नागरिक विरोध के लिए चीनी टैंकों (Chinese Tanks) के आगे आकर खड़ा हो गया था. उस तस्वीर को "टैंक मैन" (Tank Man) के नाम से जाना जाता है, लेकिन अब एक बार फिर से चीन ने अपने आम नागरिकों के खिलाफ सड़कों पर टैंक उतार दिए हैं. ये टैंक चीन के बैंकों (Bank) के बाहर लगाए गए हैं ताकि आम नागरिक बैंकों तक न पहुंच पाएं और बैंकों को उनका पैसा वापस न लौटाना पड़े.
ये किसी ने नहीं सोचा होगा कि दुनिया की नंबर 1 अर्थव्यवस्था बनने की तरफ तेज़ी से बढ़ रहे चीन के अपने ही बिज़नसमैन और नेता इकॉनोमी का ये हाल कर देंगे कि बैंकों के पास उनके ही लोगों की गाढ़ी कमाई वापस करने के लिए भी पैसा नहीं बचेगा. लेकिन ऐसा क्या हुआ कि चीन के बैंकों का इतना बुरा हाल है? और क्या है इस पूरे मामले की इंसाइड स्टोरी. आज बात इन्हीं सवालों पर.
आम नागरिकों को नहीं मिल रहा उनका पैसा
ये घटना चीन के हेनान प्रांत की बताई जा रही है जहां के लोगों ने चीनी बैंकों पर ये आरोप लगाया है कि उन्हे अप्रैल 2022 से ही बैंकों से अपनी सेविंग्स निकालने से रोका जा रहा है, जिसके चलते हज़ारों लोगों ने बैंक के बाहर प्रदर्शन किया, जिसके बाद बैंक ऑफ चाइना की हेनान प्रांत की ब्रांच की तरफ से ये कहा गया था कि बैंक किश्तों में इन नागरिकों को उनका पैसा वापस करेगा जिसके लिए 15 जुलाई को पैसे की पहली किश्त देनी तय की गई थी, लेकिन 15 जुलाई आई और गुज़र गई लेकिन फिर भी लोगों को उनका पैसा नहीं मिल पाया. जिसके बाद हेनान प्रांत में प्रदर्शन हिंसक होता देख PLA द्वारा बैंकों के बाहर टैंक तैनात कर दिए गए ताकि लोग बैंक तक न पहुंच पाएं. यही नहीं चीनी पुलिस द्वारा भी इस प्रदर्शन को दबाने की कोशिश की जा रही है.
आखिर बैंक क्यों नहीं लौटा पा रहे पैसा
लेकिन सवाल ये उठता है कि दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी सुपरवार कहलाने वाले चीन के बैंकों का आखिर ऐसा हाल क्यों हुआ कि वो लोगों का पैसा वापस भी नहीं लौटा पा रहे. अप्रैल 2022 में South China Morning Post में एक खबर छपी थी जिसमें चीन में हुए बैंक घोटालों का खुलासा किया गया था. इसमें दावा किया गया था कि लगभग 6 अरब डॉलर यानी 47 हज़ार करोड़ रुपए चीनी बैंकों से गायब हैं और अप्रैल से ही बैंकों ने पैसा देना बंद कर रखा है. हालांकि, बैंकों का कहना है कि सिस्टम अपग्रेड के चलते वो पैसा नहीं दे पा रहे हैं. इसके अलावा एक कारण चीन में रियल एस्टेट की बुरी हालत को भी बताया जा रहा है. बैंकों ने बड़े-बड़े प्रॉपर्टी डीलर्स को पैसा बांट रखा है लेकिन वो पैसा नहीं लौटा पा रहे और शी जिनपिंग सरकार के करीबी होने के चलते उन पर बैंक कार्रवाई भी नहीं कर पा रहे हैं. जिसका खामियाजा चीन की आम जनता को भुगतना पड़ रहा है.
डूबते कारोबारी और बढ़ती बेरोजगारी
चीन (China) में डूबते कारोबारियों और बढ़ती बेरोज़गारी (Unemployment) की भी काफी खबरें सामने आ रही हैं. सिंघुआ यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर झेंग युहुआंग भी कह चुके हैं कि साल 2022 चीन के लिए काफी मुश्किल होगा. झेंग द्वारा ये बताया गया था 2022 के पहले क्वार्टर में ही चीन में 4.60 लाख कंपनियां बंद हो चुकी हैं और 31 लाख बिजनेसमैन फैमिलीज़ (Business Family) बैंक्रप्ट हो चुकी हैं. उन्होंने बताया था कि 2022 में करोड़ो युवा चीन में अपनी पढ़ाई पूरी कर नौकरी की तलाश में निकलेंगे जिससे नौकरियों (Jobs) का संकट और बढ़ेगा और चीन में पहले ही 8 करोड़ युवा बेरोज़गार हैं.
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