PLA Changes: चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग देश के सशस्त्र बलों को भ्रष्टाचार से मुक्त करने के लिए जोरदार अभियान चला रहे हैं. उन्होंने मेजर मिलिट्री रिफॉर्म्स को भी लागू किया है. इसी क्रम में शी जिनपिंग ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) में बड़े स्तर पर सफाई अभियान चलाया है. इसके साथ ही उन्होंने टॉप के अधिकारियों और रक्षा मंत्रियों को भी बर्खास्त किया है.


15 नवंबर, 2012 को चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) के महासचिव और केंद्रीय सैन्य आयोग (सीएमसी) के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालने के बाद से जिनपिंग ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) में बड़े पैमाने पर सफाई अभियान चलाया है. इस दौरान, उन्होंने भ्रष्टाचार, अक्षमता, राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता और पीएलए में सुधारों का विरोध करने के कारण बड़ी संख्या में शीर्ष अधिकारियों के अलावा दो रक्षा मंत्रियों और सीएमसी के कम से कम दो उपाध्यक्षों को बर्खास्त कर दिया.  


2014 से अब तक 52 जनरलों को हटाया गया


19 जून को यानान में एक राजनीतिक-सैन्य सम्मेलन को संबोधित करते हुए जिनपिंग ने स्वीकार किया कि चीनी सेना की राजनीति, विचारधारा, कार्यशैली और अनुशासन में “गहरी समस्याएं” हैं. सरकारी सीसीटीवी ने उनके हवाले से कहा, “सेना में भ्रष्ट तत्वों के लिए कोई छिपने की जगह नहीं होनी चाहिए.” हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, 2014 से अब तक करीब 52 शीर्ष जनरलों को हटाया गया है.


इसके अलावा, 2012 से अब तक पीएलए के 65 से अधिक शीर्ष अधिकारियों, कमांडरों और निदेशकों को हटाया जा चुका है, जबकि आठ अन्य जनरलों के खिलाफ भ्रष्टाचार और इससे संबंधित आरोपों की जांच की जा रही है. हालांकि इन लोगों को अभी सजा नहीं दी गई है.  


4 हजार से ज्यादा अधिकारी भ्रष्टाचार विरोधी जांच के दायरे में


दरअसल, 2015 में पीएलए डेली में छपी एक रिपोर्ट से पता चला कि 2013 से लेकर अब तक सिर्फ दो सालों में लेफ्टिनेंट कर्नल और उससे ऊपर के रैंक के 4,024 अधिकारी भ्रष्टातार विरोधी जांच के दायरे में आए. इनमें 82 जनरल शामिल भी हैं. इसके बाद 21 कमांडरों और 144 अधिकारियों को डिमोशन किया गया और कम से कम 77 को फटकार लगाई गई.


ये भी पढ़ें: PM Modi Russia Visit : पीएम मोदी रूस गए तो घबरा गया ड्रैगन, अमेरिका तक से लगा दी गुहार