चीन की "जीरो-कोविड" नीति
चीन की "जीरो-कोविड" नीति पर देश भर से रिएक्शन आ रहे है. हाल में ही चीन के तीन साल के बच्चे की मौत का मामला सामने आया था. उसकी कोविड बैन के दौरान जहरीली कार्बन मोनोऑक्साइड गैस से मौत हो गई थी. बैन की वजह से समय पर उसे इलाज नहीं मिल पाया था. चीनी सरकार के लिए अपनी "जीरो-कोविड" रणनीति, लॉकडाउन से संबंधित बैन के खिलाफ लोगों की शिकायतों और हाल के दिनों में आए मामले को एक साथ बैलेंस करना कठिन हो गया है.
राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग (NHC) ने मंगलवार को कहा, 7 नवंबर को कोरोना के 7,475 मामले सामने आए थे, जो ठीक एक दिन के पहले 5,496 था. जो इसी साल 1 मई को आए सबसे ज्यादा मामलों के बराबर था.
साउथ ग्वांगडोंग प्रांत मामले
दक्षिणी ग्वांगडोंग प्रांत की राजधानी ग्वांगझू में सोमवार को 2,377 नए मामले दर्ज किए, जो पिछले दिन रविवार को 1,971 थे. ग्वांगझू की कुल आबादी 18 मिलियन से अधिक है. ग्वांगझू शहर के नौ जिलों में मंगलवार को बड़े पैमाने पर टेस्ट शुरू किए गए. कोविड अधिकारी कोविड के वजह से बिगड़ती स्थिति से लड़ने की तैयारी कर रहे हैं.
हांगकांग में हर दिन 1,000 अधिक मामले
हांगकांग में स्थित साउथ चीन के अधिकारियों ने कहा, "गुआंगज़ौ में पिछले दो हफ्तों से 1,000 से अधिक मामले हर दिन सामने आ रहे है. ओमिक्रॉन बीए 5.2 के वजह से कोरोना के मामलों में तेजी देखी जा रही है." वही दूसरी ओर इनर मंगोलिया में 1,000 से अधिक संक्रमणों की सूचना मिली थी, उत्तर पश्चिमी चीन के झिंजियांग से भी 600 से अधिक मामले सामने आए. पिछले कुछ दिनों में कुछ सौ मामले सामने आने के बाद बीजिंग में कई प्राथमिक स्कूल ऑनलाइन हो गए हैं. लॉकडाउन की वजह से शहर के कई समुदायों को सील कर दिया गया है.
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