Economic Crisis in China: दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अब गहरे संकट में है. चीन का 40 साल का ग्रोथ मॉडल चरमरा गया है. यह बात अमेरिका के एक प्रमुख दैनिक समाचार पत्र ने अपनी खबर में कही है. 


वॉल स्ट्रीट जर्नल (डब्ल्यूएसजी) ने रविवार (20 अगस्त) की अपनी खबर में लिखा, अर्थशास्त्री अब मानते हैं कि चीन बहुत धीमी वृद्धि के युग में प्रवेश कर रहा है. अमेरिका और उसके सहयोगियों के साथ बढ़ती दूरियों से स्थिति और खराब हो गई है, जो विदेशी निवेश व व्यापार को भी खतरे में डाल रहा है. खबर में कहा गया कि यह केवल आर्थिक कमजोरी का दौर नहीं है बल्कि इसका असर लंबे समय तक दिख सकता है. 


40 साल का सफल ग्रोथ मॉडल चरमरा गया


दैनिक पत्र ने कहा गया, "अब चीन का 40 साल का सफल वृद्धि (आर्थिक) मॉडल चरमरा गया है." वॉल स्ट्रीट जर्नल ने कोलंबिया यूनिवर्सिटी में इतिहास के प्रोफेसर व आर्थिक संकट के विशेषज्ञ एडम टोजे के हवाले से कहा, "हम आर्थिक इतिहास के सबसे नाटकीय बदलाव को देख रहे हैं." 


बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स के आंकड़े
खबर में बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स के आंकड़ों के हवाले से कहा गया कि सरकार व राज्य के स्वामित्व वाली कंपनियों के विभिन्न स्तरों के कर्ज सहित कुल ऋण 2022 तक चीन के सकल घरेलू उत्पाद का करीब 300 प्रतिशत हो गया था, जो कि अमेरिकी स्तर को भी पार कर गया है. बता दें कि यह 2012 में 200 प्रतिशत से भी कम था. 


दूसरी ओर, चीन के राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो (एनबीएस) ने जून में कहा था कि चीन का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 2023 की पहली छमाही (एच1) में सालाना आधार पर 5.5 प्रतिशत बढ़ा. पहली छमाही में चीन की जीडीपी 59,300 अरब युआन रहा. 


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