नई दिल्ली: ऑस्ट्रेलिया ने भारत-चीन सीमा पर भारत के रुख का समर्थन करते हुए वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर यथास्थिति में बदलाव के किसी भी प्रयास का विरोध किया तो चीन तिलमिला उठा. इसके साथ ही चीन ने ऑस्‍ट्रेल‍िया के दक्षिण सागर पर द‍िए बयान पर भी कड़ी आपत्ति जताई है. भारत में चीन के राजदूत सुन वेइदोंग ने ऑस्ट्रेलिया के राजदूत के बयान पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि उनका बयान तथ्‍यों से अलग है.


सुन वेइदोंग ने कहा कि चीन की दक्षिण चीन सागर में क्षेत्रीय संप्रभुत और संचालन करने के अधिकार और हित अंतरराष्‍ट्रीय कानूनों के मुताबिक हैं. यह स्‍पष्‍ट है कि कौन शांति और स्थिरता की रक्षा कर रहा है और कौन क्षेत्र में अस्थिरता को बढ़ा रहा है और उकसावे वाली कार्रवाई कर रहा है.





बता दें कि इससे पहले ऑस्‍ट्रेलियाई उच्‍चायुक्‍त ने दक्षिण चीन सागर को लेकर चीन पर निशाना साधते हुए कहा था कि हम साउथ चाइना सी में उठाए जा रहे कदमों से चिंतित हैं जो अस्थिरता को बढ़ा रहा है और संघर्ष को भड़का सकता है.


ऑस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त ने कहा कि भारत आत्मनिर्भर बनना चाहता है और व्यापार बढ़ाना चाहता है. हम भारत के साथ सहयोग करने के लिए और दोनों देशों के बीच निवेश बढ़ाने के लिए तत्पर हैं. भारत कई कारणों से आकर्षण का केंद्र बना है. हम स्पष्ट रूप से देख रहे हैं कि भारत में आर्थिक सुधार लाने और निवेश आकर्षित करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं.


बता दें कि दक्षिण चीन सागर में चल रहे तनाव के बीच अमेरिका, जापान और ऑस्‍ट्रेलिया की नेवी ने संयुक्‍त गश्‍त शुरू किया है। अमेरिका के दो एयरक्राफ्ट कैरियर इस इलाके में लगातार गश्‍त कर रहे हैं.