China Russia Relations : रूस और चीन की बढ़ती दोस्ती के बीच विशेषज्ञ कई सवाल उठा रहे हैं. उन्होंने यहां तक कह दिया कि चीन के लिए यह खतरा पैदा कर सकता है. दरअसल, राष्ट्रपति बनने के बाद रूस के प्रेसिडेंट व्लादिमीर पुतिन हाल ही में चीन के दौरे पर गए थे. शी जिनपिंग ने पुत‍िन का गले लगाकर स्‍वागत भी किया. यूक्रेन युद्ध के बाद रूस पर पश्चिमी देशों ने प्रतिबंध लगा दिया था, इसलिए उसकी निर्भरता फिलहाल चीन पर दिख रही है. खबर है कि चीन और रूस नो ल‍िमिट वाली दोस्‍ती कर रहे हैं. इसको लेकर व‍िशेषज्ञ और चीन के इत‍िहासकार शेन झिहुआ ने जिनपिंग सरकार को चेतावनी दी है. प्रफेसर शेन ने मॉर्निंग पोस्‍ट अखबार से कहा, मेरा मानना है कि रूसी राष्‍ट्रपत‍ि पुतिन भूतकाल में जाना चाहते हैं और रूसी साम्राज्‍य का पुनर्निर्माण करना चाहते हैं. पुत‍िन चाहते हैं कि उन जगहों पर रूस का दबदबा फिर से बढ़ाया जाए, जो अब रूस से अलग हो गए हैं. शेन ने कहा कि पुत‍िन का यह प्‍लान असल में चीन की सुरक्षा के लिए ही खतरा है.


अपनी विदेश नीति पर कायम रहे चीन तो बेहतर होगा
इंटरव्यू के दौरान उन्‍होंने कहा कि अमेरिका और अन्‍य पश्चिमी देश भी रूस और चीन के इस प्‍लान का व‍िरोध कर रहे हैं.अब चीन और अमेरिका के बीच रिश्‍ते अच्‍छे भी नहीं हैं. रूस से भी अमेरिका चिड़ा हुआ है, ऐसे में चीन और रूस के एक साथ आने से शत्रुता बढ़ सकती है. उन्‍होंने सरकार को सलाह दी कि ऐसे माहौल में चीन को अपनी विदेश नीति पर कायम रहना चाहिए. चीन को दूसरों के साथ गठबंधन नहीं करना चाहिए. 


बढ़ रहा संघर्ष का खतरा
शेन ने कहा कि रूस अब उत्तर कोरिया के करीब चला गया है. चीन और अमेरिका से रिश्‍ते खराब होने के बाद अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया सैन्‍य गठबंधन बना रहे हैं. इससे युद्ध का खतरा है और चीन को सतर्क रहना चाहिए. उन्‍होंने कहा कि रूसी विदेश मंत्री के बाद चीनी नेता ने उत्तर कोरिया में यात्रा की है, इसका पश्चिमी देशों में गलत संकेत जा सकता है.