China Virus: ड्रैगन पैदा कर रहा COVID-19 के जानलेवा SARS-CoV-2 वायरस? सेना को दे रहा जर्म वॉरफोयर ट्रेनिंग
साल 2023 में वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के एक वैज्ञानिक ने दावा किया था कि COVID-19 महामारी के पीछे SARS-CoV-2 वायरस था, जिसका इस्तेमाल चीन ने जानबूझकर बायोवेपन तैयार करने के लिए किया था.
पूरी दुनिया में तबाही मचाने वाले कोरोना वायरस को लेकर चीन पर सवाल उठते रहे हैं. अमेरिका कई बार आरोप लगा चुका है कि चीन की वुहान लैब से यह वायरस पूरी दुनिया में फैला. 2019 में चीन में कोरोना महामारी फैलने के बाद उसने पूरी दुनिया को चपेट में ले लिया. 4 साल बाद फिर से एक रिपोर्ट सामने आई है कि चीन अब भी COVID-19 के जानलेवा SARS-CoV-2 पर प्रयोग कर रहा है. रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि चीन की मिलिट्री पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) को जर्म वॉरफेयर के लिए तैयार किया जा रहा है.
चीन के थिंक टैंक चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी बायोथ्रेट्स इनिशिएटिव ने 4 फरवरी को यह रिपोर्ट जारी की है. रिपोर्ट में चीनी वैज्ञानिकों द्वार लैब में किए जा रहे खतरनाक एक्सपेरीमेंट्स की लिस्ट भी शामिल है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि चीनी वैज्ञानिक COVID-19 के जानलेवा वायरस SARS-CoV-2 पर अब भी प्रयोग कर रहे हैं. रिपोर्ट में संकेत दिए गए हैं कि चीन अपनी दोहरी जैविक अनुसंधान क्षमताओं में प्रगति कर रहा है और चीनी सेना की जर्म वॉरफेयर यानी रोगाणु युद्ध के लिए एप्लीकेशन तैयार किए जा रहे हैं.
रिपोर्ट बताती है कि बीजिंग पहले वायरोलॉजी और नैनोटेक्नोलॉजी के लिए अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिविटी पर निर्भर था, लेकिन अब वह आत्मनिर्भर हो गया है. यह शोध बीजिंग एडवांस्ड इनोवेशन सेंटर फॉर सॉफ्ट मैटर साइंसेज एंड इंजीनियरिंग द्वारा किया गया था, जो बीजिंग यूनिवर्सिटी ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी का हिस्सा है.
SARS-CoV-2 पर प्रयोग कर रहे वैज्ञानिक
रिपोर्ट में बताया गया कि खतरनाक वायरस SARS-CoV-2 पर चीनी वैज्ञानिक प्रयोग कर रहे हैं. इस वायरस ने विश्वभर में लाखों लोगों की जान ले ली थी. चीनी लैब में हो रहे एक्सपेरीमेंट में पैंगोलिन कोरोना वायरस आइसोलेट GX P2V C7 भी शामिल है, जिसका चूहों पर टेस्ट किया गया तो 100 फीसदी मृत्युदर का रिजल्ट आया. साल 2023 में वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के एक वैज्ञानिक ने दावा किया था कि COVID-19 महामारी के पीछे SARS-CoV-2 वायरस था, जिसका इस्तेमाल चीन ने जानबूझकर बायोवेपन तैयार करने के लिए किया था. उन्होंने बताया कि वैज्ञानिकों को 4 स्ट्रेन दिए गए थे, जिनमें से सबसे खतरनाक पता लगाना था.
साइबर और जैविक डोमेन के साथ नैनोटेक्नोलॉजी के मिश्रण से हाइब्रिड हथियारों का निर्माण हो सकता है. नैनोस्केल उपकरणों को कंप्यूटर सिस्टम में घुसपैठ करने, संचार नेटवर्क को बाधित करने और जैविक एजेंटों को दूर से नियंत्रित करने, पारंपरिक सैन्य और साइबर युद्ध के बीच की रेखाओं को मिटाने के लिए तैनात किया जा सकता है.
अगस्त 2023 में अमेरिकन सोसाइटी ऑफ माइक्रोबायोलॉजी जर्नल ऑफ वायरोलॉजी में प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया कि वुहान लैब कोरोना वायरस का SMA1901 स्ट्रेन तैयार किया है. इसे ऑरिजनल वायरस स्ट्रेन (बैट SARSr-CoV rRsSHC014S) से जानबूझकर अधिक रोगजनक बनाया गया.