Xi Jinping and Pm modi  : भारत और चीन के रिश्तों में कड़वाहट इतनी है कि नरेंद्र मोदी को पीएम की शपथ लेने के बाद भी शी जिनपिंग ने बधाई तक नहीं दी. जब इसकी चारों तरफ आलोचना होने लगी तो चीन की तरफ से चुप्पी तोड़ी गई. इस मामले की दुनियाभर के मीडिया में चर्चा हो रही है.9 जून को जब पीएम मोदी ने शपथ ली थी तो सभी देशों के नेताओं ने बधाई दी थी. अब आलोचना हुई तो चीन ने कहा, जिनपिंग चीन के राष्ट्रपति हैं और नरेंद्र मोदी ने पीएम पद की शपथ ली है. ऐसे में उनके चीनी समकक्ष ली कियांग ने मोदी को बधाई दी. चीन की इस सफाई के बाद तो सोशल मीडिया पर जिनपिंग और ज्यादा घिर गए. लोगों ने कई ऐसे स्क्रीनशॉट वायरल किए, जिसमें जिनपिंग ने से बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना और पाक पीएम शहबाज शरीफ को शपथ लेने पर बधाई दी थी. 


यूजर्स ने पूछा, क्या यह नियम बस भारत के लिए ही है?
कई यूजर्स ने सवाल भी उठाए. एक यूजर्स ने पूछा कि क्या पीएम को बधाई देने का नियम सिर्फ भारत के लिए ही है. कुछ महीने पहले तक तो जिनपिंग दूसरे पड़ोसी देशों के प्रधानमत्रियों को बधाई दे रहे थे. भारत में चीनी दूतावास के प्रवक्ता ने कहा है कि चीन और भारत महत्वपूर्ण पड़ोसी देश हैं. भारत चीन के मजबूत संबंध सिर्फ दोनों देशों के ही नहीं पूरे क्षेत्र में शांति और विकास के लिए जरूरी हैं. चीन पड़ोसियों से अच्छे रिश्ते चाहता है.चीन द्विपक्षीय संबंधों को सही करने के लिए भारत के साथ काम करने को इच्छुक है. 


चीन के पीएम ने दी थी बधाई
मोदी के तीसरी बार पीएम बनने के बाद चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग ने मंगलवार को बधाई दी. ली ने कहा कि बीजिंग द्विपक्षीय संबंधों को सही दिशा में बढ़ाने के लिए भारत के साथ काम करने को तैयार है. चीन और भारत संबंधों का स्थिर होना दोनों देशों की भलाई के लिए जरूरी है. इसके बाद से चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को लेकर भी सवाल उठने लगे और लोग सोशल मीडिया पर जमकर उनकी आलोचना कर रहे हैं.