US-China Relation: चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने गुरुवार (20 जुलाई) को अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री हेनरी किसिंजर से कहा कि उनका देश अमेरिका के साथ रिश्तों को ठीक करने के लिए चर्चा को तैयार है. उन्होंने अमेरिकी राजनयिक से संबंधों को सुधारने में मदद करने का आग्रह किया जैसा 50 साल पहले दोनों देशों के बीच राजनयिक रिश्तों को स्थापित कर किया था.


अमेरिकी राजनयिक किसिंजर अभी चीन की यात्रा पर हैं. वो अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और वित्त मंत्री जेनेट येलेन की इस महीने हुई यात्रा के बाद यहां आए हैं. उनके अलावा वाशिंगटन के शीर्ष नेवी दूत जोन कैरी भी रिश्तों को सुधारने के लिए चीन की यात्रा कर चुके हैं.


चीन के खिलाफ सख्त नीतियां अपनाईं
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी चीन के खिलाफ सख्त नीतियां अपनाई हैं, जिसमें व्यापार और तकनीकी प्रतिबंध लगाने के साथ-साथ क्वाड और ऑकस जैसे प्रभावशाली राजनीतिक समूहों का गठन शामिल है.


क्वाड में अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं, जबकि ऑकस में ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और ब्रिटेन शामिल हैं. इन्हें लेकर चीन का कहना है कि इन समूहों का मकसद उसके डेवलपमेंट को रोकना है. इस वजह से दोनों देशों के बीच रिश्ते काफी बिगड़ गए हैं.


शी जिनपिंग अमेरिकी अधिकारियों से मिलने से बचते हैं
शी जिनपिंग चीन की यात्रा आए अमेरिकी अधिकारियों से मिलने से बचते हैं लेकिन वह किसिंजर से मिलने के लिए बीजिंग के दिआओयुताई राजकीय अतिथि गृह पहुंचे और चीन-अमेरिका के रिश्तों में सुधार करने के लिए उनकी मदद मांगी. किसिंजर ने इसी अतिथि गृह में 1971 में बीजिंग की पहली यात्रा के दौरान राजनयिक रिश्ते स्थापित करने के लिए चीनी नेताओं से मुलाकात की थी. तब अमेरिका के राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन थे.






शी जिनपिंग ने किसिंजर के साथ मुलाकात के दौरान कहा कि 52 साल पहले चीन-अमेरिका रिश्तों में  सुधार के लिए चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के अध्यक्ष माओ त्से-तुंग, प्रधानमंत्री झोऊ एनलाइ, अमेरिकी राष्ट्रपति निक्सन और किसिंजर का योगदान उल्लेखनीय रहा था. चीनी अधिकारियों ने कहा कि 100 वर्षीय किसिंजर निजी यात्रा पर चीन आए हैं.


'पूरी दुनिया के लिए लाभकारी होगा'
चीनी सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ की खबर के मुताबिक शी जिनपिंग ने कहा कि भविष्य के मद्देनजर, चीन और अमेरिका के पास एक-दूसरे की सफलता में साथ देने और साझा समृद्धि हासिल करने के तमाम कारण हैं. उन्होंने कहा कि इसमें परस्पर सम्मान, शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व और लाभकारी साझेदारी के सिद्धांतों का पालन करना अहम होगा.


उन्होंने कहा, “इस आधार पर चीन दोनों देशों के बीच दोस्ताना रिश्तों और द्विपक्षीय संबंधों में स्थिर विकास को बढ़ावा देने के लिए अमेरिका के साथ चर्चा करने के लिए तैयार है. यह दोनों पक्षों के साथ-साथ पूरी दुनिया के लिए लाभकारी होगा.”


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