G20 Summit: भारत में 9-10 सितंबर को होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग शामिल नहीं होंगे. जिनपिंग की जगह प्रधानमंत्री ली कियांग जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने भारत आएंगे .चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने सोमवार (4 सितंबर) को यह जानकारी दी. अब चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के भारत नहीं आने पर दुनिया भर में कई तरह की बातें हो रहीं है. कुछ मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि यह भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए एक झटके की तरह है. वे जी-20 शिखर सम्मेलन में खुद की इमेज एक ग्लोबल लीडर के तौर पर बनाने की कोशिश कर रहे हैं. विदेशी मीडिया में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के भारत नहीं आने के कई मायने निकाले जा रहे हैं.
द न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में राष्ट्रपति शी जिनपिंग को लेकर लिखा है कि भारत की अनदेखी करने के लिए जिनपिंग जी-20 सम्मेलन में शामिल नहीं होंगे. इसके साथ ही इससे पहले हुए जी-20 सम्मेलनों का जिक्र करते हुए द न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा है कि ऐसा पहली बारे है जब जिनपिंग इस सम्मलेन में शामिल नहीं हो रहे हैं. इससे पहले 2012 में सत्ता संभालने के बाद से जिनपिंग हर बार जी-20 सम्मेलनों में शामिल हुए हैं. ऐसे में दिल्ली ना जाने के फ़ैसले को चीन के लिए जस्टिफाई करना आसान नहीं है.
जिनपिंग के भारत नहीं आने की वजह नहीं बता पा रहा चीन
द न्यूयॉर्क टाइम्स ने आगे अपनी रिपोर्ट में कहा है कि चीन शी जिनपिंग के भारत नहीं आने की वजह को बता नहीं पा रहा है. चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता से भी जब पत्रकारों ने शी जिनपिंग के सम्मलेन में भाग नहीं लेने के बारे में पूछा तो उनके पास कोई ठोस जवाब नहीं था. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि इसमें कोई शक नहीं है कि ये असामान्य है क्योंकि ऐसा कभी नहीं हुआ है.
द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में लिखा है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वैश्विक नेता के तौर पर ख़ुद को स्थापित करने के प्रयास में हैं. यह सम्मलेन पीएम मोदी के लिए बहुत बड़ा अवसर है. ऐसे में जिनपिंग का भारत ना आना पीएम नरेंद्र मोदी की अनदेखी के तौर पर देखा जाएगा.
नए नक़्शे की वजह से भी बढ़ा है तनाव
भारत के साथ चल रहे सीमा विवाद भी शी जिनपिंग के भारत ना आने की एक वजह मानी जा रही है. गौरतलब है कि चीन ने बीते 28 अगस्त को एक नया मैप जारी किया था, जिसमें उसने भारत के अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन को अपना हिस्सा दिखाया था. चीन की तरफ से जारी हुए इस नक्शा को लेकर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई. जिसके बाद एक बार फिर दोनों देशों के बीच विवाद बढ़ गया है.
बता दें कि जिनपिंग के अलावा रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी जी-20 सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए भारत नहीं आएंगे. इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने जिनपिंग के भारत ना आने की खबर पर निराशा जताई है. हालांकि खुद की भारत यात्रा को लेकर उत्सुकता जाहिर की है.