Taiwan China Dispute: चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने नए साल की पूर्व संध्या पर अपने संबोधन कहा कि ताइवान निश्चित रूप से चीन के साथ फिर से एकीकृत होगा. उनका यह बयान ताइवान चुनाव से ठीक पहले आया है. दरअसल, 13 जनवरी को ताइवान में चुनाव होना है. इससे पहले भी शी कहा है कि ताइवान चीन का हिस्सा है और यदि आवश्यक हो तो बलपूर्वक इसे फिर से एकीकृत किया जाएगा.
शी जिनपिंग ने इससे पिछल साल नए साल के मौके पर ताइवान को एक ही परिवार का हिस्सा बताया था लेकिन इस बार उनका रुख कड़ा रहा. बता दें कि चुनाव से पहले चीन ने ताइवान पर सैन्य दबाव बढ़ा दिया है. जिनपिंग का मानना है कि 23 मिलियन की आबादी वाला स्व-शासित द्वीप चीन से अलग नहीं है, ताइवान पर अंततः बीजिंग का ही नियंत्रण में होगा. वहीं, ताइवान अपने संविधान और लोकतांत्रिक ढंग से चुने गए नेताओं के साथ खुद को चीन से अलग मानता है.
ताइवान चुनाव में हस्तक्षेप कर रहा चीन
नए साल के मौके पर ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन ने कहा कि चीन के साथ द्वीप के संबंध "ताइवान के लोगों की इच्छा" से तय होने चाहिए. उनकी सरकार ने बार-बार चेतावनी दी है कि बीजिंग चुनाव में हस्तक्षेप करने की कोशिश कर रहा है, जहां एक नया राष्ट्रपति और सरकार चुनी जाएगी.
चीन ने अमेरिका पर भी साधा निशाना
गौरतलब है कि ताइवान के मुद्दे ने अमेरिका और चीन के बीच संबंधों को भी तनावपूर्ण बना दिया है, चीन ने ताइपे के लिए वाशिंगटन के किसी भी कथित समर्थन की निंदा की है. बीजिंग ने कहा है कि वह शांतिपूर्ण एकीकरण में हस्तक्षेप करने वाली बाहरी ताकतों के खिलाफ सभी आवश्यक उपाय करने का विकल्प सुरक्षित रखता है.
बातचीत ही सही तरीका
हालांकि तनाव के इतर दोनों देशों ने एक सकारात्मक संदेश के साथ नया साल मनाया. शी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सोमवार को एक दूसरे को नव वर्ष का बधाई. रॉयटर्स के अनुसार, शी ने कहा कि आपसी सम्मान, शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व और एक दूसरे के सहयोग करना चीन और अमेरिका के लिए बातचीत करने का सही तरीका है.