बीजिंग: चीन में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की पांच साल में एक बार होने वाली कांग्रेस आज से शुरू हो रही है और इस दौरान राष्ट्रपति शी जिनपिंग के दूसरे कार्यकाल के लिये मुहर लगनी तय है. इसके साथ ही सत्ता पर चिनफिंग की पकड़ और मजबूत हो जायेगी.
कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) की 19वीं नेशनल कांग्रेस शी के साथ काम करने के लिए नई पीढ़ी के नेताओं का भी चुनाव करेगी. जिनपिंग के दूसरे कार्यकाल के लिये मुहर लगनी तय है. यह 2002 से लागू परंपरा के अनुरूप होगी जिसमें शीर्ष नेताओं को दो कार्यकाल दिए जाते हैं. इसके बाद वे अवकाशग्रहण कर लेते हैं.
कांग्रेस में तय किया जाता है कि कम्युनिस्ट पार्टी का नेतृत्व कौन करेगा. जिसके हाथ में कम्युनिस्ट पार्टी की कमान होती है, वो चीन के एक अरब 30 करोड़ लोगों पर शासन करता है. इसके साथ ही वो शख्स दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का संचालन करता है.
पांच साल पहले हुई 18वीं कांग्रेस में तत्कालीन राष्ट्रपति हू जिनताओ और प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ ने दो कार्यकालों के बाद परंपराओं का पालन करते हुए सत्ता शी को सौंप दी थी जो उस समय राष्ट्रपति थे. सुर्खियों से दूर रहते हुए शी पार्टी में आगे बढ़ते रहे हैं. वह पहले सीपीसी के महासचिव चुने गए थे. बाद में देश के राष्ट्रपति चुने गए. निवर्तमान नेता हू ने जब उन्हें सैन्य प्रमुख बनाया उसके बाद उन्होंने अपनी स्थिति मजबूत बना ली.
उम्मीद की जा रही है कि कांग्रेस में शी के अधिकार के दायरे को बढाया जाएगा. पार्टी ने पहले ही शी को माओत्सेतुंग और देंग शियाओ पिंग की तरह अपना प्रधानतम (कोर) नेता घोषित किया है. पर्यवेक्षकों का कहना है कि यह देखना होगा कि क्या शी परिपाटी तोड़ते हैं और अपने तीसरे कार्यकाल का रास्ता साफ करेंगे.
इस बैठक में पोलित ब्यूरो स्टैंडिंग कमिटी को पूरी तरह से बदलाव की उम्मीद है. हाल के सालों में पार्टी ने कुछ ख़ास पदों पर अनौपचारिक कार्यकाल और उम्र सीमा को तय किया है. उम्मीद है कि ज़्यादातर पोलित ब्यूरो सदस्य हट जाएंगे क्योंकि वो रिटायरमेंट की उम्र 68 साल को पार कर चुके हैं.
इसमें भ्रष्टाचार विरोधी एजेंसी के प्रमुख वॉन्ग किशान भी शामिल हैं. हालांकि वॉन्ग, शी जिनपिंग अहम सहयोगी हैं और उन्हें पद पर बने रहने दिया जा सकता है. राष्ट्रपति शी और प्रीमियर ली किकियांग की उम्र 65 के आसपास है.