Cerebral Aneurysm: कोरोना से पूरी दुनिया में दहशत फैलाने वाले चीन पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है. पहले तो ये देश खुद की फैलाई हुई बीमारी कोरोना के संकट से जूझ रहा है, दूसरा राष्ट्रपति शी जिनपिंग को लेकर भी एक चौंका देने वाली खबर सामने आई है. खबर उनके स्वास्थ्य को लेकर है. वो बीमार हैं. जिनपिंग सेरिब्रल एन्यूरिज्म नाम की बीमारी से जूझ रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्हें पिछले साल इसी बीमारी के चलते अस्पताल में भी भर्ती होना पड़ा था. शी जिनपिंग के स्वास्थ्य को लेकर बहुत दिनों से अटकलें लगाई जा रही थीं कि वो बहुत दिनों से बीमार चल रहे हैं. ये अटकलें तब और तेज हो गईं जब बीजिंग विंटर ओलंपिक के दौरान उन्होंने विदेशी नेताओं से मिलने से परहेज किया था. कहा जाता है कि वो अपनी बीमारी की वजह से ही लोगों से मिलने से बचते रहे.


बताया जा रहा है कि अस्पताल में भर्ती होने के बाद डॉक्टरों ने शी जिनपिंग को सर्जरी कराने की सलाह दी थी लेकिन जिनपिंग ने सर्जरी कराने की बजाय देसी चीनी दवाओं पर भरोसा जताया और उनके जरिए अपना इलाज करा रहे थे. ये चीनी दवाएं उनके दिमाग की ब्लड सेल्स को नरम करने का काम कर रही थीं.


क्या होती है सेरिब्रल एन्यूरिज्म बीमारी


सेरिब्रल एन्यूरिज्म की बीमारी में मरीज के दिमाग की नसें कमजोर हो जाती हैं और फूल जाती हैं. ये बीमारी दिमाग के किसी भी हिस्से में हो सकती है और इन नसों के कभी भी फटने का खतरा बना रहता है.


इस बीमारी के लक्षण कुछ इस प्रकार हैं-


सिर में बहुत तेज दर्द होना, हाथ-पैरों में लकवा मार जाना, लगातार कमजोर या चक्कर आना.


इसके अलावा मिर्गी के दौरे को भी इसके लक्षणों में शामिल किया गया है.


दिमाग में मौजूद खून की महीन नलियों में सूजन हो जाती है और उभार सा आ जाता है.


ये देखने में पतली टहनी से लटके हुए छोटे दाने की तरह लगता है.


इसके फूटने की वजह से होने वाली ब्लीडिंग से ब्रेन स्ट्रोक भी हो सकता है.


दाने के फूटने के बाद सिर में तेज दर्द शुरू हो जाता है. उल्टी आ सकती है. गर्दन में कड़ापन महसूस हो सकता है. भ्रमित महसूस कर सकते हैं. चलने फिरने में भी कठिनाई हो सकती है.


वैसे तो ये बीमारी किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है लेकिन 50 साल या उससे अधिक उम्र के लोग या फिर हाई ब्लड प्रेशर, जेनेटिक बीमारी, किसी प्रकार का इन्फेक्शन, दिमागी चोट और तनाव से जूझ रहे लोगों को ये बीमारी ज्यादा प्रभावित करती है.


अटकलों का बाजार यूं ही नहीं है गर्म


सबसे पहले, साल 2019 में शी जिनपिंग ने इटली की यात्रा की थी. इस दौरान उनकी चाल में हल्का लंगड़ापन देखने को मिला था और चलते हुए उनके कदम भी लड़खड़ा रहे थे. फिर इसके बाद वो फ्रांस की यात्रा पर गए थे जहां उन्हें बैठते वक्त मदद लेनी पड़ी थी. साल 2020 में वो चीन के शेनझेन में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे इस दौरान वो बहुत ही धीमी आवाज और गति से भाषण दे रहे थे. इतनी ही नहीं वो बीच-बीच में खांस भी रहे थे. उस समय भी उनके बीमार होने की अटकलें लगाई जाने लगी थीं.  


ये भी पढ़ें: Covid-19 in China: शी जिनपिंग की वॉर्निंग- 'जीरो कोविड नीति' के खिलाफ आवाज उठाई तो होगा एक्शन


ये भी पढ़ें: कोरोना की गिरफ्त में चीन, राष्ट्रपति जिनपिंग ने देश की कोविड नीति का किया बचाव