बड़ी ख़बर: चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपनी सेना से कहा- संप्रभुता को बनाए रखने के लिए तैयार रहें
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पीपल्स लिबरेशन आर्मी से कहा है कि संप्रभुता को बनाए रखने के लिए तैयार रहें.
नई दिल्ली: भारत-चीन के बीच सीमा पर जारी तनाव और टकराव के बीच चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने बड़ा बयान दिया है. जिनपिंग ने अपनी सेना से कहा है कि संप्रभुता को बनाए रखने के लिए तैयार रहें.
सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ की खबर के मुताबिक, शी ने सेना को आदेश दिया कि ''वह सबसे खराब स्थिति की कल्पना करे, उसके बारे में सोचे और युद्ध के लिए अपनी तैयारियों और प्रशिक्षण को बढ़ाए, तमाम जटिल परिस्थितियों से तुरंत और प्रभावी तरीके से निपटे. साथ ही पूरी दृढ़ता के साथ राष्ट्रीय सम्प्रभुता, सुरक्षा और विकास संबंधी हितों की रक्षा करे.''
सत्तारूढ़ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) के महासचिव और करीब 20 लाख सैनिकों वाली सेना के प्रमुख 66 वर्षीय शी ने संसद सत्र के दौरान पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) और पीपुल्स आर्म्ड पुलिस फोर्स के प्रतिनिधियों की पूर्ण बैठक में हिस्सा लेते हुए यह टिप्प्णी की.
दरअसल, इसी महीने की शुरुआत से भारत और चीन की सेनाओं के बीच तनातनी बढ़ रही है. चीन ने अपने तंबू लगाये तो भारत की सेना भी सामने आ खड़ी हुई. लद्दाख में तीन-चार ऐसे फ्लैश प्वाइंट हैं जहां स्थिति गंभीर है.
पीएम मोदी की बैठक इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीडीएस बिपिन रावत और एनएससी अजीत डोभाल के साथ बैठक की है. बैठक में लद्दाख को लेकर चर्चा हुई है. सीमा पर चीन के साथ बने हालात पर प्रधानमंत्री ने विस्तृत रिपोर्ट ली.
जनरल बिपिन रावत ने तीनों सेनाओं के तरफ से मौजूदा हालात और उससे निपटने के इनपुट दिए साथ ही सेनाओं की तैयारियों का खाका पेश किया.
ताजा विवाद कहां है?
गैलवान घाटी और पैंगोंग त्सो लेक के करीब फिंगर एरिया में दोनों देशों के सैनिक एक दूसरे के आमने सामने आ गए हैं यानि 'फेसऑफ' की स्थिति है. इसके अलावा डेमचोक में भी तनाव जैसी स्थिति बन रही है. कुल मिलाकर लद्दाख में तीन-चार ऐसे फ्लैश-पाइंट हैं जहां स्थिति गंभीर तो है लेकिन भारतीय सेना के नियंत्रण में है.
सवालों के घेरे में चीन
बता दें कि कोरोना वायरस को लेकर दुनियाभर में चीन सवालों के घेरे में है और अमेरिका लगातार चीन पर कार्रवाई की भी मांग कर रहा है. यही नहीं अमेरिकी कांग्रेस में सांसद स्कॉट पैरी ने प्रस्ताव रखा है और अमेरिकी राष्ट्रपति से तिब्बत को चीन से अलग स्वतंत्र देश का दर्जा देने की मांग की है. साथ ही तिब्बत के साथ एक अलग देश का बर्ताव करने की मांग की गई है.
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