Chinese President Xi Jinping: भारत की मेजबानी में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन पर दुनिया भर की नजरें हैं. इसी बीच खबर है कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग इस शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. शी जिनपिंग वर्चुअली इस बैठक से जुड़ेंगे. इस बात की जानकारी शुक्रवार को एक आधिकारिक घोषणा में दी गई है. 


चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने एक प्रेस रिलीज में कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर, राष्ट्रपति शी 4 जुलाई को बीजिंग में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे. हालांकि इसके लिए वो भारत नहीं आएंगे.


इस बात को लेकर था संशय


दरअसल, चीनी राष्ट्रपति वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस बैठक में शामिल होंगे और कई मुद्दों पर अपनी राय रखेंगे. गौरतलब है कि भारत की मेजबानी में होने वाले एससीओ शिखर सम्मेलन में शी की भागीदारी के बारे में यह पहली आधिकारिक घोषणा है.  बता दें कि भारत और चीन के बीच सीमा विवाद के चलते दोनों देशों के रिश्तों में तनाव कायम है. यही वजह है कि चीनी राष्ट्रपति के एससीओ बैठक में शामिल होने को लेकर संशय था. 


शंघाई कोआपरेशन संगठन क्या है 


बता दें कि शंघाई कॉपरेशन ऑर्गेनाइजेशन एक प्रभावी आर्थिक और सुरक्षा संगठन है, जो दुनिया के सबसे बड़े अंतरक्षेत्रीय संगठनों में से एक है. इसकी स्थापना साल 2021 में एक शिखर सम्मेलन के दौरान की गई थी.रूस, चीन, किर्गिस्तान, कजाखस्तान , ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान, इसके संस्थापक सदस्य देश हैं. भारत साल 2017 में इसका स्थायी सदस्य बना. इस साल इसकी अध्यक्षता भारत के पास है.


संगठन के सदस्य देश


मौजूदा दौर में 8 मुख्य सदस्य देश हैं, जिसमें कज़ाखस्तान, चीन, किर्गिज़स्तान, रूस, ताजिकिस्तान, उज़्बेकिस्तान, भारत और पाकिस्तान हैं. ईरान इस साल जुलाई में शिखर सम्मेलन के साथ इसका सदस्य बन जाएगा. जबकि बेलारूस भी सदस्य बनने की कतार में शामिल है.


 ये भी पढ़ें: France Violence: किशोर की हत्या के बाद भड़का बवाल नहीं ले रहा थमने का नाम, फ्रांस की सड़कों पर 'युद्ध' जैसे हालात