बीजिंगः चीनी रॉकेट का मलवा आखिरकार मालदीव के नजदीक हिंद महासागर में आ गिरा. इसके गिरने से किसी नुकसान की जानकारी नहीं है. चीनी मीडिया के मुताबिक रॉकेट का मलवा श्रीलंका और मालदीव के आसपास कहीं पानी में गिरा है. रॉकेट के इस मलवे को लेकर अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन ने कुछ दिन पहले चेतावनी जारी की थी. पेंटागन की ओर से दिए गए बयान में लॉन्ग मार्च 5बी रॉकेट के धरती से टकराने की चेतावनी दी गई थी. 


18 हजार मील प्रतिघंटा की रफ्तार से बढ़ रहा था रॉकेट


अमेरिकी स्पेस फोर्स के मुताबकि रॉकेट का मलवा करीब 18 हजार मील प्रतिघंटा की रफ्तार से धरती की तरफ आ रहा था. तेज रफ्तार के कारण यह पता लगा पाना मुश्किल हो रहा था कि यह मलवा कहां गिरेगा.


इस रॉकेट का नाम 2021-035B था जो कि 100 फुट लंबा और 16 फुट चौड़ा था. खबरों के मुताबिक जैसे ही यह वायुमंडल में प्रवेश किया इसका बड़ा हिस्सा जल उठा और बाकी समुद्र में जा गिरा.


स्पेस स्टेश का पहला हिस्सा भेजा था चीन


शुरुआत में जब इसकी खबर आई थी तो अटकलें लगाई गई थी कि यह दक्षिणपूर्वी अमेरिका, मेक्सिको, मध्य अमेरिका, करेबियन, पेरू, ईक्वाडोर कोलंबिया, वेनेजुएला, दक्षिण यूरोप, उत्तर या मध्य अफ्रीका, मध्य पूर्व, दक्षिण भारत या ऑस्ट्रेलिया में कहीं भी गिर सकता है.


चीन ने इस रॉकेट के जरिए अंतरिक्ष में बनाए जाने वाले अपने स्‍पेस स्‍टेशन का पहला हिस्‍सा भेजा था. चीन ने इस मॉड्यूल का नाम तियान्हे रखा था.


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