नई दिल्ली: चीन और भारत के बीच गलवान घाटी में खूनी संघर्ष हुआ, भारत के 20 जवान शहीद हुए, भारत ने देश को इसकी जानकारी दी, लेकिन वहीं दूसरी तरफ चीन ने ये तो माना कि उसके भी सैनिक मारे गए हैं लेकिन ये नहीं बताया कि कितने मारे गए, अब इस पर चीन में ही बवाल मच गया है. चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी के पूर्व नेता के बेटे ने दावा किया है कि गलवान कांड के बाद मौजूदा और पूर्व सैनिकों की नारजगी बढ़ती जा रही है, नतीजा तख्तपलट भी हो सकता है.


चीन की सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के दम पर चीन की मौजूदा कम्यूनिस्ट पार्टी इसी साल सत्ता में बैठी है. चीनी कम्यूनिस्ट पार्टी के पूर्व नेता के बेटे जिआनली यांग ने वॉशिंगटन पोस्ट में एक लेख के जरिए दावा किया है कि गलवान कांड के बाद मौजूदा सैनिक भी नाराज है?


कहीं ये वजह तो नहीं
गलवान में चीनी सैनिकों से झड़प के बाद 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए. शहीदों का पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. लेकिन चीन के मारे गए सैनिकों को शहीद का दर्जा नहीं मिला. चीनी सरकार ने माना भी नहीं कि उसके सैनिक शहीद हुए हैं. इससे मौजूदा और पूर्व सैनिक दोनों नाराज हैं


चीनी कम्यूनिस्ट पार्टी की ताकत रहे हैं. अगर सेना के जवानों की भावनाएं आहत होती हैं तो वो करोड़ों नाराज पूर्व सैनिकों के साथ हाथ मिला सकते हैं. ये जिनपिंग सरकार के खिलाफ जबरदस्त फोर्स साबित हो सकती है. चीन में सरकार के रूख से पूर्व सैनिक प्रदर्शन करते रहते हैं लेकिन चीनी मीडिया ये खबर नहीं दिखाता. लेकिन जिआनली यांग ने चेतावनी दी है कि चीन में हथियारबंद विद्रोह हो सकता है.


चीन के पास बीस लाख की दुनिया की सबसे बड़ी सेना है. जबकि पूर्व सैनिकों की तादाद 5 करोड़ 70 लाख के करीब है. ऐसे में अगर नाराजगी की खबर सही है तो वाकई जिनपिंग सरकार के लिए ये मुसीबत साबित हो सकती है. तब दुनिया पर कब्जे की फिराक में निकले चीन को घर संभालना भी मुश्किल हो जाएगा.


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