चीन ने चांद पर रच दिया इतिहास, किया कुछ ऐसा जो आज तक अमेरिका-रूस और भारत भी नहीं कर पाए
China Lands On Moon : चीन ने चांद पर एक और सफलता हासिल की है. तीन मई को लॉन्च हुए चांग'ई-6 मून लैंडर ने करीब एक महीने बाद रविवार सुबह लैंडिंग कर ली
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China Lands On Moon : चीन ने चांद पर एक और सफलता हासिल की है. तीन मई को लॉन्च हुए चांग'ई-6 मून लैंडर ने करीब एक महीने बाद रविवार सुबह लैंडिंग कर ली, जिसे काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. चीन की स्पेस एजेंसी ने इसकी जानकारी दी है. एजेंसी के मुताबिक, चांग'ई-6 लैंडर दक्षिणी ध्रुव-ऐटकेन बेसिन में उतरा. यह चीन का अब तक का सबसे मुश्किल मून मिशन है. इसके जरिए चीन चांद के अंधेरे वाले हिस्से से सैंपल लाएगा और ऐसा करने वाला दुनिया का पहला देश बनेगा. ऐसा नहीं है कि चीन ने यह पहली बार किया है, इससे पहले भी चीन के लैंडर ने चांद के उस हिस्से में लैंडिंग की थी, जहां काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था. चीन ने 2019 में अपने चांग'ई-4 मिशन के जरिए ऐसा किया था.
2 किलो सैंपल लाएगा लैंडर
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, चांग ई-6 की सफलता के बाद चीन चांद पर बेस बनाने में अमेरिका और दूसरे देशों से आगे निकल सकता है. अगर सबकुछ ठीक हुआ तो लैंडर चांद की सतह से 2 किलो सैंपल लाएगा. सैंपल लेने के लिए लैंडर में ड्रिल कर खोदने और मलबे उठाने की मशीन लगाई गई है. सैंपल को लैंडर के सबसे ऊपर लगे हिस्से में रखा जाएगा. एक दूसरा स्पेसक्राफ्ट चांद के इस हिस्से में भेजकर लैंडर को वापस धरती पर लाएगा. इसकी लैंडिग 25 जून के आसपास मंगोलिया में होगी. इस मिशन का लक्ष्य ही चंद्रमा के दूर के हिस्से से नमूने को पृथ्वी पर लाना है. अगर सब कुछ योजना के मुताबिक हुआ तो 3 मई को शुरू हुआ मिशन 53 दिनों तक चलेगा. शिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, चांग'ई-6 अपोलो बेसिन नाम के एक इंपैक्ट क्रेटर के अंदर लैंड हुआ. इसने 20 दिनों तक चंद्रमा की परिक्रमा की थी. चंद्रमा के सुदूर हिस्से पर लैंडर 2 दिन बिताएगा. नमूने इकट्ठा करने में 14 घंटे लगेंगे.
इस हिस्से में होता है काफी अंधेरा
चीन का चांग'ई-6 जहां लैंड किया है, उस हिस्से में काफी अंधेरा रहता है, इसलिए वहां लैंडिंग कराना काफी मुश्किल होता है.चीन को 2030 तक चंद्रमा पर अंतरिक्ष यात्रियों को भेजना है, जिसके लिए वह यहां पर एक रिसर्च बेस बनाना चाहता है. चांग'ई-6 लैंडर जो सैंपल लाएगा, उससे कई जानकारियां मिल पाएंगी. माना जाता है कि चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पानी बर्फ के रूप में जमा है.यह डेटा चीन के भविष्य के मिशन के लिए महत्वपूर्ण होने वाला है.
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