Spy Balloon Row: 'चीन के साथ कोई टकराव नहीं चाहता अमेरिका', स्काई बैलून विवाद बढ़ा तो बोले राष्ट्रपति जो बाइडेन
Chinese Spy Balloon: राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने एक बार फिर कहा कि चाइनीज बैलून को मार गिराने की वजह से अमेरिका (America) और चीन (China) के रिश्ते कमजोर नहीं हुए हैं.
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America on Spy Balloon Row: अमेरिका की ओर से चाइनीज स्पाई बैलून (Chinese Spy Balloon) को मार गिराए जाने का मामला अभी भी शांत नहीं हुआ है. अमेरिका और चीन के बीच तनाव बढ़ने की अटकलें लगाई जा रही हैं. इस बीच यूएस के राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने बुधवार (8 फरवरी) को कहा है कि चीनी जासूसी गुब्बारे को मार गिराए जाने को लेकर मतभेद जरूर हैं, लेकिन अमेरिका इस मसले पर चीन के साथ किसी तरह का टकराव नहीं चाहता है.
बैलून को मार गिराए जाने के बाद चीन ने इसे सिविल बैलून बताते हुए अमेरिका (America) को चेतावनी थी. चीनी रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि अमेरिका जान बूझकर इस मसले को बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रहा है.
हम टकराव नहीं चाहते हैं- बाइडेन
राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बुधवार को कहा कि अमेरिका चीन के साथ किसी तरह का संघर्ष नहीं चाहता है. उन्होंने पीबीएस नेटवर्क के साथ एक इंटरव्यू में कहा, "हम पूरी तरह से चीन के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं, लेकिन हम टकराव नहीं चाहते हैं और अब तक ऐसा ही रहा है." यह पूछे जाने पर कि क्या इस घटना से बीजिंग के साथ संबंधों को बड़ा नुकसान हुआ है? बाइडेन ने कहा, "नहीं"
अमेरिका-चीन संबंध बिगड़े?
चीन (China) के साथ बैलून विवाद पर राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ये भी कहा कि मैं चीन के साथ अमेरिका और दुनिया के हितों के लिए काम करने को तैयार हूं, लेकिन अगर वो हमें नुकसान पहुंचाएंगे तो हम अपनी रक्षा जरूर करेंगे. इससे पहले राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा था कि चाइनीज बैलून को मार गिराने की वजह से अमेरिका और चीन के रिश्ते कमजोर नहीं होने वाले हैं.
अमेरिका ने मार गिराया था चाइनीज बैलून
अमेरिका के न्यूक्लियर साइट के ऊपर चाइनीज जासूसी गुब्बारा (Chinese Spy Balloon) देखा गया था, जिसे काफी विचार के बाद प्लानिंग के साथ अमेरिकी फाइटर जेट ने 4 फरवरी को मार गिराया था. चीन ने इसे सिविल बैलून बताया था. चीन का कहना है कि गुब्बारा केवल मौसम अनुसंधान कर रहा था, लेकिन पेंटागन ने इसे एक उच्च तकनीक वाला जासूसी ऑपरेशन बताया.
चीन ने दी थी चेतावनी
चीन के रक्षा मंत्रालय (Chinese Defence Ministry) की ओर से कहा गया था कि अमेरिका ने अंतरराष्ट्रीय नियमों का गंभीर उल्लंघन किया है. चीन अपने वैध अधिकारों और हितों की दृढ़ता से रक्षा करेगा. वहीं, अमेरिका ने कहा था कि बैलून को खुफिया जानकारी इकट्ठा करने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था.
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