चीन की चालबाजी का अमेरिका खोलेगा राज! अटलांटिक महासागर से खोज निकाला जासूसी गुब्बारे का मलबा, जारी की तस्वीर
चीन का जासूसी गुब्बारा जिस तरह से अमेरिका रक्षा प्रतिष्ठानों के करीब से गुजरा है, उसने सुरक्षा को लेकर खतरे को बढ़ा दिया है. अमेरिका अब गुब्बारे की जांच कर चीन की करतूतों का पता लगाएगा.
Chinese Spy Baloon: चीन के जासूसी गुब्बारे को मार गिराने के तीन दिन बाद अमेरिकी नौसेना के गोताखोरों ने अटलांटिक महासागर से गुब्बारे का मलबा ढूंढ निकाला है. अमेरिका के आसमान पर कई दिनों से चीन का संदिग्ध जासूसी गुब्बारा देखा जा रहा था. अमेरिका ने फाइटर जेट F-22 की मदद से मिसाइल के जरिये रविवार (5 फरवरी) को इसे मार गिराया था. इसका मलबा अटलांटिक महासागर में गिरा था. AP की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी नेवी ने मलबे को ढूंढने के लिए किंगफिश और सोर्डफिश नाम के ड्रोन को लगाया था.
नेवी के गोताखोरों ने खोज निकाला मलबा
नेवी के गोताखोरों ने समुद्र की सतह से गुब्बारे का सफेद फैब्रिक और शेल ढांचा बरामद किया है. अब समुद्र के अंदर तलाशी की तैयार की जा रही है, जहां से गुब्बारे का बड़ा हिस्सा और खुफिया जानकारी इकठ्ठा करने वाली मशीन मिल सकती है.
मशीन की जांच से अमेरिका को चीन की जासूसी क्षमता का अंदाजा लग सकता है और ये भी जाना जा सकेगा कि चीन ने अब तक क्या जानकारी जुटाई है. हालांकि, पेंटागन ने जासूसी गुब्बारे को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा नहीं बताया है.
पानी के नीचे हो रही तलाश
अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से एपी की रिपोर्ट में कहा गया है कि नौसेना और तटरक्षक बल के जवान मलबे की लोकेशन का पता लगाने लिए पानी के नीचे के ड्रोन का उपयोग कर रहे हैं. जो मलबा मिला है उसे विश्लेषण के लिए क्वांटिको स्थित एफबीआई प्रयोगशाला या फिर अन्य जगहों पर भेजा जाएगा. बरामदगी में लगी टीमें सावधानी बरत रही हैं. संदिग्ध जासूसी गुब्बारे में विस्फोटक लगे होने की संभावना है.
पहले भी आते रहे हैं गुब्बारे
चीन का एक संदिग्ध गुब्बारा पिछले कई दिनों से अमेरिकी हवाई क्षेत्र में उड़ रहा था. तीन बसों के बराबर आकार के इस गुब्बारे ने मोंटाना और दूसरे सैन्य प्रतिष्ठानों के करीब से उड़ान भरी थी. हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि इसने यहां से कोई खुफिया जानकारी इकठ्ठा की थी या नहीं. बुधवार को अधिकारियों के अमिरिका सांसदों को गुब्बारे की क्षमता और मलबे की बरामदगी को लेकर रिपोर्ट दिए जाने की उम्मीद है.
चीनी जासूसी गुब्बारों ने पहले भी अमेरिकी क्षेत्र में प्रवेश किया है लेकिन जिस तरह से यह संवेदनशील अमेरिकी साइटों के पास पहुंचा है, उसने खतरे को बढ़ा दिया है.
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