बीजिंग: चीन की सर्वे पर्वतारोहण टीम ने बुधवार को दुनिया की सबसे ऊंची पर्वतीय चोटी माउंट एवरेस्ट को मापने का काम सफलतापूर्वक कर लिया है. पर्वतारोहण टीम के 8 सदस्य मुश्किलों का सामना करते हुए माउंट एवरेस्ट की चोटी पर पहुंचे और ऊंचाई मापने का काम पूरा किया. टीम पर्वत की चोटी पर 150 मिनट तक रही, जिसने चीनी लोगों का इस पर्वत की चोटी पर सबसे अधिक समय तक रुकने का रिकॉर्ड तोड़ दिया.
टीम ने पर्वत की चोटी पर माप का निशान लगाया, फिर ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम और बेइतोउ सैटेलाइट के जरिए उच्च परिशुद्धता स्थिति मापी. उन्होंने स्नो डेप्थ रडार डिटेक्टर और ग्राविमीटर के जरिए मापने का कार्य संपन्न किया. ये दोनों उच्च परिशुद्धता मापने के उपकरण चीन द्वारा खुद बनाए गए हैं.
हाल ही में चीन की सरकारी टेलीकॉम कंपनी ने 5जी नेटवर्क के लिए दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर बेस स्टेशन की शुरुआत की थी. 6500 मीटर की ऊंचाई पर 5जी नेटवर्क की वजह से माउंट एवरेस्ट पर हर मूवमेंट की नजर रखी जा सकती है.
पहली बार 300 साल पहले मापी थी ऊंचाई
300 साल पहले चीन ने पहली बार माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई मापी थी और उन्होंने पर्वत को चुमूलांगमा नाम दिया था. तिब्बती भाषा में चुमूलांगमा का मतलब तृतीय देवी होता है. 60 साल पहले चीनी नागरिक पहली बार उत्तरी ढलान से माउंट एवरेस्ट की चोटी पर पहुंचे. 45 साल पहले का आज, यानी साल 1975 में चीनी नागरिक पहली बार माप की निशान लेकर माउंट एवरेस्ट की चोटी पर पहुंचे और ऊंचाई मापी. उस समय माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई 8848.12 मीटर थी, साल 2005 में चीन ने फिर से माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई माफी, जो कि इस बार 8844.43 मीटर दर्ज की गयी.
इस बार माप कार्य खत्म होने के बाद विशेषज्ञ परिणामों का विश्लेषण, तुलना और सत्यापन करेंगे, फिर अंतिम परिणाम जारी किया जाएगा.
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