Tiktok CEO Testifies Before US Congress: बढ़ती सुरक्षा चिंताओं और कंपनी पर चीनी सरकार के संभावित प्रभाव के बीच टिकटॉक के सीईओ शौ ज़ी च्यू ने गुरुवार (23 मार्च) को अमेरिकी कांग्रेस के सामने गवाही दी. च्यू को हाउस एनर्जी एंड कॉमर्स कमेटी के कई कड़े सवालों का सामना करना पड़ा.
चार घंटे की लंबी सुनवाई के दौरान, च्यू ने बार-बार इस बात पर जोर दिया कि चीनी आईटी कंपनी बाइटडांस के स्वामित्व वाला टिकटॉक ऐप चीनी सरकार के साथ डेटा शेयर नहीं करता है. उन्होंने यह भी बताया कि अमेरिका में इसके 150 मिलियन यूजर्स का डेटा भी सुरक्षित है और वह इन्हें चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) के साथ शेयर नहीं करता है.
भारत में प्रतिबंध पर भी पूछा सवाल
अमेरिकी सांसद डेबी लेस्को ने भारत और अन्य देशों में टिकटॉक पर लगे बैन का जिक्र करते हुए सवाल पूछा, "यह (टिक्कॉक) एक ऐसा उपकरण है जो चीनी सरकार के नियंत्रण में है और राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं को उठाता है. ये सभी देश और हमारे एफबीआई निदेशक कैसे गलत हो सकते हैं?" इस पर च्यू ने कहा, "मुझे लगता है कि बताए गए बहुत सारे आरोप काल्पनिक और सैद्धांतिक हैं. मुझे अभी तक इसका कोई सबूत नहीं मिला है. भारत ने जिन आधार पर बैन लगाया था वो काल्पनिक हैं." इस पर डेबी लेस्को ने एक बार फिर सुरक्षा चिंता को दोहराया और भारत की तरफ से लगाए गए प्रतिबंध की चर्चा की.
यूजर्स डेटा को सुरक्षित रखने का दावा
भारत ने 2020 में टिकटॉक पर प्रतिबंध लगा दिया था. डेबी लेस्को ने 21 मार्च को फोर्ब्स के एक लेख का जिक्र करते हुए कहा जिसमें खुलासा किया गया था कि कैसे टिकटॉक का इस्तेमाल करने वाले भारतीय नागरिकों का डेटा कंपनी और उसके बीजिंग स्थित आकाओं तक पहुंच रहा है. इस पर च्यू ने जवाब दिया, "यह एक हालिया लेख है; मैंने अपनी टीम को इसे देखने के लिए कहा है. हमारे पास कठोर डेटा एक्सेस प्रोटोकॉल हैं. ऐसी कोई चीज नहीं है कि कोई भी टूल तक पहुंच सके. इसलिए, मैं बहुत सारे निष्कर्षों से असहमत हूं."
भारत ने 2020 में लगाया था प्रतिबंध
भारत ने गोपनीयता और सुरक्षा चिंताओं को लेकर 2020 में मैसेजिंग ऐप वीचैट, टिकटॉक और दर्जनों अन्य चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया था. यह प्रतिबंध एलएसी पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प के तुरंत बाद लगाया गया था, जिसमें 20 भारतीय सैनिक मारे गए और दर्जनों घायल हो गए थे.
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