काहिरा : मिस्र के दो शहरों तांता और एलेक्जेंड्रिया में रविवार की प्रार्थना के लिये कॉप्टिक चर्चों में जुटे श्रद्धालुओं की भीड़ को निशाना बनाते हुये ISIS द्वारा किये गये दो अलग-अलग बम धमाकों में कम से कम 36 लोगों की मौत हो गयी और 140 अन्य घायल हो गये. हाल के सालो में यहां अल्पसंख्यक इसाईयों पर किया गया यह सबसे बड़ा हमला है.


स्वास्थ्य मंत्रालय के एक बयान के मुताबिक पहला धमाका काहिरा से करीब 120 किलोमीटर दूर नील डेल्टा में तांता शहर के सेंट जॉर्ज कॉप्टिक चर्च में हुआ. इसमें 25 लोगों की मौत हो गयी जबकि 71 अन्य घायल हो गये.

सुरक्षा सूत्रों ने कहा कि शुरआती जांच में संकेत मिले है कि ईस्टर से पहले के रविवार के मौके पर चर्च में इसाई प्रार्थना के दौरान एक शख्स ने चर्च में विस्फोटक उपकरण रखे. हालांकि अन्य का कहना है कि एक आत्मघाती हमलावर ने इस हमले को अंजाम दिया.

विस्फोट में चर्च के हॉल में अगली कतार में बैठे लोगों को निशाना बनाया गया था. इस धमाके में मारे जाने वालों में तांता कोर्ट के प्रमुख सैमुअल जार्ज भी शामिल हैं.

पुलिस ने कहा कि इसके कुछ घंटों बाद अलेक्जेंड्रिया के मनशिया जिले के सेंट मार्क्स. कॉप्टिक ऑथरेडॉक्स कैथ्रेडल में भी एक आत्मघाती हमलावर ने धमाका किया.

फोटो क्रेडिट - AP

स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक एलेक्जेंड्रिया के आत्मघाती बम धमाके में पुलिस कर्मियों समेत कम से कम 11 लोगों की मौत हुई है जबकि 66 अन्य घायल हो गये. जारी

एक बयान में गृह मंत्रालय ने कहा कि एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटक बेल्ट का इस्तेमाल कर खुद को एलेक्जेंड्रिया में चर्च के अंदर धमाका कर उड़ाने की साजिश रची थी लेकिन सुरक्षा बलों ने उसे रोक दिया. मंत्रालय ने कहा कि आत्मघाती हमलावर को कैथ्रेडल में रोकने की कोशिश के दौरान एक पुलिस अधिकारी और एक महिला पुलिसकर्मी समेत निचले पदों के कई पुलिसकर्मी मारे गये.

मंत्रालय ने कहा कि धमाके के वक्त पोप तावाड्रोस द्वितीय कैथ्रेडल में मौजूद थे और प्रार्थना का नेतृत्व कर रहे थे लेकिन हमले में उन्हें नुकसान नहीं पहुंचा. इन हमलों की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने ली है.

संगठन की प्रोपोगैंडा न्यूज एजेंसी अमाक ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर कहा, ‘‘इस्लामिक स्टेट के दस्ते ने तांता और एलेक्जेंड्रिया में दो चर्चों पर हमला किया.’’ इसबीच सुरक्षा बलों ने तांता शहर के सिडी अब्दुल रहीम मस्जिद में दो विस्फोटक उपकरणों को निष्क्रिय किया है.

हमले के बाद राष्ट्रपति अब्दुल फतह अल-सीसी ने राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाई है. राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में प्रधानमंत्री, संसद के अध्यक्ष, रक्षा मंत्री और मिस्र की सशस्त्र सेनाओं के कमांडर होते हैं. इसकी अध्यक्षता राष्ट्रपति करते हैं.

राष्ट्रपति अल-सीसी ने घायलों के इलाज के लिये सैन्य अस्पतालों को खोलने के आदेश दिये हैं.