कोरोना वायरस महामारी को समलैंगिक विवाह पर 'खुदा की सजा' बतानेवाले यूक्रेन के धार्मिक नेता संक्रमित पाए गए हैं. यूक्रेनियन ऑर्थोडॉक्स चर्च के प्रमुख पैट्रियाच फिलारेट को जांच में कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद भर्ती कराया गया है. शुक्रवार को फेसबुक पोस्ट के जरिए जारी अपडेट में उनकी सेहत को ठीक बताया गया.
धार्मिक नेता कोरोना की जांच में पॉजिटिव
मंगलवार को चर्च की तरफ से कहा गया, "पादरी ने अपने शुभचिंतकों और समर्थकों को दुआओं में याद रखने के लिए धन्यवाद जताया है. आज उनकी हालत ठीक स्थिर है. अस्पताल में इलाज चल रहा है. हम उनके लिए आपसे प्रार्थना की अपील करते हैं. उम्मीद है ईश्वर उन्हें बीमारी से जल्द छुटकारा दिलाएगा."
91 वर्षीय पैट्रियाच फिलारेट मार्च में अचानक सुर्खियों में आ गए थे. यूक्रेनियन टीवी चैनल को इंटरव्यू देते हुए उन्होंने विवादास्पद बयान दिया था. महामारी पर पूछे गए सवाल के जवाब उन्होंने कहा था कि 'इंसानों के गुनाह के बदले ये खुदा की सजा' है. उन्होंने समलैंगिक विवाह को महामारी का जिम्मेदार ठहराया.
समलैंगिक विवाह पर कहा था 'खुदा की सजा'
बयान सामने आने के बाद यूक्रेन के समलैंगिक समुदाय ने धार्मिक नेता के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. नाराज समलैंगिक समुदाय ने उनके खिलाफ मुकदमा दायर कर दिया. जिसमें उनके बयान को नफरत और भेदभाव को बढ़ावा देनेवाला बताया गया. उन्होंने धार्मिक नेता से माफी की मांग की. एक न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक चैनल और धार्मिक नेता से समलैंगिक समुदाय ने बयान को वापस लेने को कहा. कानूनी मुकदमे के जवाब में चर्च ने उनके बयान का समर्थन किया. चर्च ने कहा कि चर्च के प्रमुख और बतौर एक शख्स के उन्हें अपनी राय रखने की आजादी है. उनका बयान 'नैतिकता' पर आधारित था.
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