अमेरिकी संसद भवन हिंसा मामले की जांच कर रही समिति का दावा, कहा- ट्रंप ने हिंसा फैलाने की ‘आपराधिक साजिश’ रची
अमेरिकी संसद भवन में हुई हिंसा मामले की जांच कर रही संसद की एक समिति ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ‘आपराधिक साजिश’’ रची.
अमेरिकी संसद भवन में हुई हिंसा मामले की जांच कर रही संसद की एक समिति ने बुधवार को कहा कि इस बात के साक्ष्य हैं कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके सहयोगियों ने राष्ट्रपति चुनाव के परिणामों को वैधता देने के लिए आयोजित कांग्रेस के सत्र को रोकने के लिए ‘‘आपराधिक साजिश’’ रची. साथ ही उसके बारे में गलत सूचनाएं फैलाईं और अधिकारियों पर परिणामों को पलटने का दबाव बनाया.
समिति ने ट्रंप के सलाहकार जॉन ईस्टमैन की ओर से दायर वाद के जवाब में यह दावा किया. ईस्टमैन वकील हैं और वह छह जनवरी को हुई हिंसा मामले से जुड़े दस्तावेज को समिति को दिए जाने से रोकने की कोशिश कर रहे हैं. समिति ने दलील दी कि किसी मौजूदा या भविष्य में हो सकने वाले अपराध के संबंध में संचार को सामने रखने की मंजूरी देने वाले कानूनी अपवाद मौजूद हैं.
अमेरिका को धोखा देने की आपराधिक साजिश रची- समिति
समिति ने सेन्ट्रल डिस्ट्रिक ऑफ कैलिफोर्निया के यूएस डिस्ट्रिक कोर्ट में अपने प्रतिवेदन में कहा, ‘‘समिति के पास यह मानने के पर्याप्त सबूत हैं कि राष्ट्रपति और उनके अभियान में साथ देने वालों ने अमेरिका को धोखा देने की आपराधिक साजिश रची’’ समिति की ओर से पेश 221 पेज वाले प्रतिवेदन में पूर्व राष्ट्रपति को संघीय अपराध से जोड़ने की बेहद औपचारिक कोशिश की गई है. हांलाकि इस प्रतिवेदन में स्पष्ट तौर पर क्या कहा गया है, इसका अभी पता नहीं चल सका है. न्याय विभाग पिछले वर्ष देश में हुए दंगा मामलों की जांच कर रहा है लेकिन उसने इस बात के कोई संकेत नहीं दिए हैं कि वह ट्रंप को आरोपित करने पर विचार कर रहा है.
इस प्रतिवेदन में समिति ने पूर्व उप राष्ट्रपति माइक पेंस सहित ट्रंप के शीर्ष सहयोगियों के साथ की गयी बातचीत का भी ब्योरा शामिल किया गया है. इस बीच खबरों के मुताबिक धुर दक्षिणपंथी मिलिशिया समूह ‘ओथ कीपर्स’ से जुड़े अलबामा के व्यक्ति ने छह जनवरी के दंगों में देशद्रोह की साजिश के लिए दोषी ठहराया गया है.
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