यरुशलम में प्रमुख पवित्र स्थल अल-अक्सा मस्जिद में जुमे की नमाज से पहले इजराइली पुलिस और फलस्तीनियों के बीच हुए संघर्ष में कम से कम 20 फलस्तीनी घायल हो गए. अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि हिंसा किस कारण से हुई. स्थल का प्रशासनिक कार्य संभालने वाली एक इस्लामी संस्था ने कहा कि इजराइली पुलिस ने तड़के की नमाज के तुरंत बाद उस समय मस्जिद में प्रवेश किया, जब हजारों लोग वहां मौजूद थे.
ऑनलाइन उपलब्ध वीडियो में दिख रहा है कि फलस्तीनी पथराव कर रहे हैं और पुलिस आंसू गैस एवं स्टन ग्रेनेड चला रही है. ‘पैलेस्टीनियन रेड क्रेसेंट’ आपात सेवा ने बताया कि उसने 20 घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया है. फलस्तीनी संस्था ने कहा कि स्थल पर मौजूद एक सुरक्षाकर्मी की आंख में रबड़ की गोली लगी.
इस्लाम में तीसरा सबसे पवित्र स्थल है अल-अक्सा मस्जिद
यह मस्जिद मक्का और मदीना के बाद इस्लाम में तीसरा सबसे पवित्र स्थल है. यह एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है जो यहूदियों के लिए सबसे पवित्र स्थल है. यहूदी इसे ‘टेंपल माउंट’ कहते हैं. यह इजराइल-फलस्तीनी हिंसा का दशकों से एक प्रमुख बिंदु रहा है.
फलस्तीनीयों के घातक हमले में इजराइल में 14 लोगों की मौत के बाद से हालिया सप्ताह में तनाव बढ़ गया है. इजराइल ने कब्जे वाले ‘वेस्ट बैंक’ से कई लोगों को गिरफ्तार किया है एवं वहां कई सैन्य अभियान चलाए हैं और इस दौरान हुए संघर्षों में कई फलस्तीनी मारे गए हैं. रमजान के पवित्र महीने के दौरान अल-अक्सा मस्जिद में जुमे की नमाज के लिए दसियों हजार फलस्तीनियों के एकत्र होने की संभावना थी. यरुशलम में पिछले साल रमजान के दौरान कई सप्ताह के विरोध प्रदर्शनों और झड़पों के बाद 11-दिवसीय गाजा युद्ध हुआ था.
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