COP26 Summit: स्कॉटलैंड के ग्लासगो में जिस स्थान पर संयुक्त राष्ट्र का जलवायु पर सम्मेलन चल रहा है, वहां की सड़क पर शनिवार को हजारों की संख्या में जलवायु कार्यकर्ताओं ने ड्रम बजाते हुए और जश्न मनाते हुए मार्च निकाला और सरकारों से ग्रह को नुकसान पहुंचाने वाले जीवाश्म ईंधन के इस्तेमाल में कमी लाने के लिए तेजी से कार्रवाई की मांग की. ग्लासगो में लगातार हो रही बारिश के बावजूद प्रदर्शनकारियों में उत्साह रहा. हालांकि, प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा. प्रदर्शनकारियों ने जलवायु वार्ता को लेकर पूरी दुनिया के नेताओं की निंदा की और कहा कि अबतक वे वांछित फैसले लेने में असफल रहे हैं। जलवायु को लेकर लंदन,कोपेनहेगन, पेरिस, डबलिन, ज्यूरिक और इस्तांबुल सहित पूरे यूरोप के कई शहरों में भी प्रदर्शन हुआ.


लंदन से ग्लासगो प्रदर्शन में शामिल होने आए डेज अगाजी ने कहा, "हमारे सामने बातचीत हो रही है, लेकिन उन्हें वास्तव में लागू करने के लिए कोई नीति नहीं है. उससे बड़ी बात यह है कि वास्तविक लोगों को कमरे में (वार्ता में) होना चाहिए." वे ड्रम की आवाज के बीच लगातार अपनी बात रख रहे थे. जलवायु कार्यकर्ताओं ने ग्लासगो सम्मेलन में आम लोगों की हिस्सेदारी सीमित करने को लेकर भी शिकायत की.


एक अन्य प्रदर्शनकारी मेगन मैक्लेन ने आशंका जताई कि जलवायु वार्ताकार उनकी बातें सुन रहे हैं, यह बहुत आसान है कि वे इसे नजरअंदाज कर दें. वे सम्मेलन केंद्र में अच्छे और सहज हैं. हालांकि, उनकी मित्र और एडिनिबर्ग की लुसेट वुड ने असहमति जताई. उन्होंने कहा, "वे वास्तव में भले कुछ नहीं करें, लेकिन वे दिखाएंगे कि वे कर रहे हैं... फिर वे इसे 20 और 30 साल के लिए टाल देंगे."


तख्तियां लेकर प्रदर्शन कर रहे 


प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने तख्तियां ली थी जिनपर , मानवता के लिए खतरे की घंटी, बड़े प्रदूषक बंद करो, सीओपी26 हम आपको देख रहे हैं या हम नाराज हैं जैसे संदेश लिखे थे." प्रदर्शन स्थन के नजदीक मौजूद कनाडियाई सांसद और सीओपी में 16 बार की प्रतिभागी एलिजाबेथ ने कहा, "बड़े प्रदर्शनों से अंतर आएगा." इस बीच, सम्मेलन स्थल करीब आधे मील का है जहां पर वार्ताकार लगातार 7वें दिन मसौदा समझौते को अंतिम रूप देने के लिए मेहनत कर रहे हैं, जिसे अगले सप्ताह राजनीतिक मंजूरी के लिए सरकारों के मंत्रियों को भेजा जा सकता है.


वहीं, लंदन में प्रदर्शकारी बैंक ऑफ इंग्लैंड के पास जमा हुए और करीब 32 किलोमीटर दूर स्थित ट्राफलागर स्क्वॉयर तक मार्च निकाला. इस्तांबुल में शनिवार के प्रदर्शन में कार्यकर्ता अपने साथ अपने बच्चों को भी लेकर आए. गौरतलब है कि शुक्रवार को भी हजारों की संख्या में लोगों ने सम्मेलन स्थल के बाहर 'फ्राइडे फॉर फ्यूचर' आंदोलन के तहत प्रदर्शन किया था. 'फ्राइडे फॉर फ्यूचर' रैली को संबोधित करते हुए स्वीडिश जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थुनबर्ग ने ग्लासगो में हो रही संयुक्त राष्ट्र की जलवायु वार्ता को अबतक असफल करार दिया और आरोप लगाया कि नेता जानबूझकर नियमों में खामियां छोड़ रहे हैं और अपने देशों के उत्सर्जन के मामले में भ्रामक तस्वीर पेश कर रहे हैं.


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