दावोस-स्विट्जरलैंडः विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जलवायु परिवर्तन और आतंकवाद को दुनिया के समक्ष सबसे बड़ी चिंता बताया. भारत की आर्थिक नीतियों में सुधार के लिए अपनी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों और देश में निवेश के बेहतर मौकों की जानकारी दी. मोदी डब्ल्यूईएफ के इस सालाना आर्थिक शिखर सम्मेलन को संबोधित करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री बन गये हैं. पहली बार भारत के पीएम के हाथों इस सम्मेलन की शुरुआत हुई है. मोदी ने अपना भाषण हिन्दी में दिया. उन्होंने अपने आदर-सत्कार के लिये विश्व आर्थिक मंच और स्विस सरकार का धन्यवाद किया.


आतंकवाद को अच्छे-बुरे आतंकवाद में बांटा न जाए
मोदी ने कहा कि आतंकवाद खतरनाक है लेकिन आधिकारिक रूप से अच्छे आतंकवाद और बुरे आतंकवाद के बीच नकली अंतर पैदा किया जाना उतना ही खतरनाक है. पीएम मोदी ने कहा कि आतंकवाद की समस्या को लेकर भारत के रुख के बारे में सभी जानते हैं, इसलिये इस मुद्दे के विस्तार में वह नहीं जाना चाहते. प्रधानमंत्री मोदी यहां वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की 48वीं सालाना बैठक को संबोधित करने के लिये कल यहां पहुंचे. उन्होंने कहा कि आज दुनिया में शांति, सुरक्षा और स्थायित्व का मुद्दा काफी गंभीर चुनौती बनकर उभरा है. प्रधानमंत्री ने कहा कि आज दुनिया तेजी से बदल रही है. दुनिया में आज शांति और सुरक्षा और अन्य कई मामलों से जुड़ी नई और गंभीर चुनौतियां उभर रही हैं.

भारतीय इकोनॉमी की शानदार स्थिति
भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि की संभावनाओं पर चर्चा करते हुए मोदी ने कहा कि आखिरी बार 1997 में जब भारतीय प्रधानमंत्री दावोस की बैठक में आए थे तो भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 400 अरब डालर से कुछ ज्यादा थी. अब यह उसके छह गुना से ज्यादा बढ़ चुका है. उन्होंने कहा कि 1997 में भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा विश्व आर्थिक मंच की बैठक में भाग लेने आए थे. उनके बाद यहां पहुंचने वाले वह देश के पहले प्रधानमंत्री हैं. इस समयान्तराल में भारतीय अर्थव्यवस्था में काफी बदलाव आया है.

प्रधानमंत्री ने विश्व आर्थिक मंच की बैठक की विषय वस्तु ‘बंटी दुनिया में साझा भविष्य सृजन’ पर कहा कि दुनिया में पड़ी दरारों और दूरियों को पाटने के लिये भारत का ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ का दर्शन बहुत उपयुक्त है. पिछले 20 साल में दुनिया के स्वरूप में आए बदलावों और तकनीकी क्रांति पर मोदी ने कहा कि 1997 तक हैरी-पॉटर का नाम किसी ने नहीं सुना था, उस समय केवल पक्षी ही ट्वीट किया करते थे और अमेजन घने जंगलों को कहा जाता था.

डेटा पर जिसका राज होगा वो दुनिया पर राज करेगा
मोदी ने याद करते हुये कहा कि 1997 में विश्व आर्थिक मंच की बैठक की विषयवस्तु ‘‘नेटवर्क में जुड़े समाज का निर्माण’’ रखा गया था. ‘‘आज 21 साल बाह टेकनोलाजी युग की उपलब्धियों और प्राथमिकताओं को देखें तो यह विषय सदियों पुराना लगता है. आज दुनिया में बिग डेटा, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस आदि की बात होती है. कई नये घटनाक्रम आज हो रहे हैं.’’ उन्होंनें कहा, उस समय भी दावोस की सोच समय से आगे की थी और यह डब्ल्यूईएफ के लिये जाना जाता रहा है. आज भी यह समय से आगे है और यही वजह है कि उसने इस साल के सम्मेलन की विषयवस्तु ‘‘बंटी दुनिया में साझा भविष्य सृजन’’ रखा है.

उन्होंने कहा, ‘‘हम लोगों को जोड़ने में विश्वास करते हैं, उन्हें मोड़ने अथवा तोड़ने में नहीं. लेकिन आज दुनिया के समक्ष कई चुनौतियां खड़ी हैं.’’ मोदी ने कहा, ‘‘डेटा का पहाड़ खड़ा हो रहा है और उनपर नियंत्रण की होड़ है. माना जा रहा है कि इन डेटा पर जिसका भी नियंत्रण होगा वही दुनिया पर राज करेगा

20 साल में पहली बार किसी भारतीय प्रधानमंत्री का दौरा
बीते 20 साल में किसी भारत के प्रधानमंत्री का दावोस में पहला दौरा है. इस बार दावोस के आयोजक ने पीएम मोदी को की-नोट स्पीकर के तौर पर वर्ल्ड इकनोमिक फोरम में खास तौर पर आमंत्रित किया है. स्विट्जरलैंड के दावोस में विश्व आर्थिक मंच की वार्षिक बैठक के प्लेनरी सेशन को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधित किया. 21 साल बाद भारत का कोई प्रधानमंत्री दावोस पहुंचा है. 1997 में एचडी देवेगौड़ा ने इस मंच से भारत का पक्ष रखा था.

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