बाढ़, तूफान, हीटवेव और वाइल्ड फायर... जानें क्लाइमेंट चेंज के कारण कितनी महंगी पड़ीं 10 बड़ी आपदाएं
पिछले 1 दशक में दुनियाभर के देशों ने प्राकृतिक आपदाओं में हजारों लोगों को खोया है. मानवीय नुकसान के साथ इन देशों को भारी वित्तीय नुकसान भी सहना पड़ा है. सबसे ज्यादा घटनाएं अमेरिका में हुई हैं.
पिछले कुछ सालों में भारत समेत दुनियाभर के तमाम देश बाढ़, हीटवेव, आंधी-तूफान और वाइल्ड फायर जैसी बड़ी प्राकृतिक आपदाओं के गवाह रहे हैं. इन आपदाओं में हजारों लोगों की जानें गई हैं. वैज्ञानिक लंबे समय से ग्लोबल वॉर्मिंग और क्लाइमेट चेंज को लेकर चेतावनी देते रहे हैं. इनमें सुधार के लिए संयुक्त राष्ट्र समेत कई अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं की ओर से जरूरी कदम भी उठाए जा रहे हैं.
रॉयटर्स के मुताबिक, दो दशकों में क्लाइमेट चेंज ने बड़े स्तर पर कई देशों में तबाही मचाई है और इसके साथ देशों को भी अरबों का वित्तीय नुकसान हुआ है. आइए एक नजर डालते हैं पिछले एक दशक की उन प्राकृतिक आपदाओं पर, जिन्होंने मचाई तबाही -
अगस्त-सितंबर, 2017
6 साल पहले 2017 के अगस्त और सितंबर महीने में अमेरिका और कैरिबियन के कई शहरों में हार्वे, इरमा और मारिया चक्रवात ने हजारों लोगों की जान ली थी. हार्वे हरिकेन में 209 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही हवाओं ने इतनी तबाही मचाई थी कि हजारों घर टूट गए, लोग बेघर हो गए थे, सड़कों पर इतना पानी था कि गाड़ियां तैर रही थीं और 2,11,000 लोग बिना बिजली के थे. इन चक्रवातों ने सबसे ज्यादा अमेरिका के टेक्सास, फ्लोरिडा और कैरिबियन के पुएरतो रिको में तबाही मचाई थी. इन आपदाओं में कुल करीब 5 हजार लोगों की जान गई थी, जिसमें से सबसे ज्यादा मौतें मारिया चक्रवात के कारण हुई थीं. इस चक्रवात ने 1 खरब से ज्यादा का नुकसान किया. वहीं, हार्वे से 88 और इरमा से 134 जानें गई थीं. दोनों चक्रवात के कारण 1.25 करोड़ और 6.5 करोड़ की तबाही मची थी.
2017-2018 में कैलिफोर्निया में वाइल्ड फायर
साल 2017 और 2018 में कैलिफोर्निया में इतनी ज्यादा वाइल्ड फायर यानी जंगलों में आग लगी थी कि सैकड़ों लोगों की मौत हो गई थी. जंगलों में अनियंत्रित रूप से आग लगने की घटना वाइल्ड फायर कहलाती है. यह एक प्राकृतिक आपदा है और अक्सर गर्मियों में ऐसी घटनाएं देखी जाती हैं, जिनमें जंगलों में अपने आप ही आग लग जाती है. साल 2017 में वाइल्ड फायर में 40 जानें गई थीं और 1.80 खरब का नुकसान हुआ था, जबकि 2018 की वाइल्डफायर की घटनाओं में 103 की मौत हुई थी और 1.48 खरब का नुकसान हुआ.
2019-2020 में ऑस्ट्रेलिया में बुश फायर
साल 2019 और 2020 में ऑस्ट्रेलिया में भी जंगलों में आग लगने से भारी नुकसान हुआ था. इन घटनाओं में 34 मौतें और 1.1 खरब की बर्बादी हुई थी.
2019 में आंधी-तूफान से जापान में मची थी तबाही
साल 2019 के अगस्त और अक्टूबर महीने जापान के लिए बेहद मुसीबत भरे साबित हुए थे. इस दौरान जापान में हेजीबिस तूफान आया था, जिसने 85 लोगों को अपनी चपेट में ले लिया था और 9.1 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ था.
जुलाई 2021 में जर्मनी, बेल्जियम, ऑस्ट्रिया, स्विजरलैंड और नीदरलैंड में बाढ़
जर्मनी, बेल्जियम, ऑस्ट्रिया, स्विटजरलैंड और नीदरलैंड में बाढ़ ने इस कदर तबाही मचाई थी कि 230 लोगों को जान चली गई और 4 खरब से भी ज्यादा का नुकसान हुआ था.
2021 में हीटवेव ने अमेरिका में ली थी 1,400 जानें
उत्तरपश्चिमी अमेरिका और ब्रिटिश कोलंबिया में हीटवेव से 1,400 लोगों की मौत हुई थी और अरबों का वित्तीय नुकसान हुआ था.
2021 में न्यूयॉर्क में आया था इडा चक्रवात
साल 2021 के इडा चक्रवात से अमेरिका के लुइसिनिया, न्यू जर्सी और न्यूयॉर्क शहर में भारी तबाही मची थी. इन आपदाओं में 107 मौतें और 75 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ था.
साल 2022 की बाढ़ में गई थी सैकड़ों पाकिस्तानियों की जान
साल 2022 के जून और अगस्त महीने में पाकिस्तान में भारी बाढ़ आई थी, जिसने सैकड़ों लोगों की जान ले ली थी. 1,717 लोग इस आपदा में मारे गए थे और 3 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ था.
पिछले साल हीटवेव की घटनाएं
पिछले साल गर्मियों के दौरान यूरोप में हीटवेव की बहुत ज्यादा घटनाएं देखने को मिली थीं, जिनमें 1,500 जानें गई थीं और कई अरबों का नुकसान हुआ था.
सितंबर 2022 में इयान तूफान ने फ्लोरिडा में मचाई थी बर्बादी
पिछले साल 2022 के सितंबर महीने में अमेरिका के फ्लोरिडा में इयान तूफान आया था, जिसने 100 बिलियन डॉलर से भी ज्यादा की बर्बादी की और 101 लोगों की जान ले ली थी.
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