पूर्वोत्तर इंग्लैंड और स्कॉटलैंड के तट पर सैंकड़ों समुद्री पक्षी मृत और भूखे पाए गए हैं. ब्रिटेन का पारिस्थितिकी और जल विज्ञान केंद्र मौत के कारण की जांच कर रहा है. उसने कहा है कि ज्यादातर पक्षी गिलमॉट्स थे. गिलमॉट्स के अलावा, रेजरबिल, पफिन और किटीवाक्स भी बड़े पैमाने पर प्रभावित हुए हैं. कुछ विशेषज्ञों ने जलवायु परिवर्तन को घटना का जिम्मेदार ठहराया है. 


तट पर सैंकड़ों समुद्री पक्षियों की मौत का क्या है कारण?


पक्षियों की सुरक्षा के लिए काम करनेवाली संस्था रॉयल सोसायटी का कहना है कि सटीक कारण अज्ञात हैं, मगर जलवायु संकट फैक्टर को बढ़ा रहा है जो समुद्री पक्षी की आबादी में गिरावट का कारण बनता है. परिस्थिति वैज्ञानिक डॉक्टर फ्रांसिस डॉन्ट ने बताया कि कई गिलमॉट्स भूखे पाए गए थे. उनका कहना है कि इस बात के संकेत देखे गए हैं जिससे पता चलता है कि पक्षी अपने भोजन की तलाश में हताश हो रहे हैं. रॉयल सोसायटी ने कहा, "कठोर मौसम, प्रदूषण और बीमारी समुद्री पक्षियों को मार सकते हैं. अगर शिकार की मछलियों की कमी हो, तो समुद्री पक्षियां भूख से कमजोर हो सकते हैं." कई पक्षी प्रेमियों ने सैंकड़ों मृत जानवरों को समुद्र तटों पर बहते हुए रिपोर्ट की है, जबकि सैंकड़ों से ज्यादा समुद्र में तैरते हुए देखे गए हैं. 






 


विशेषज्ञों ने जलवायु परिवर्तन को ठहराया जिम्मेदार


उन्होंने बताया कि दुनिया जलवायु संकट में है, इंसान और वन्य जीव पहले ही इसका असर महसूस कर रहे हैं. हम सरकारों से तत्काल कदम उठाने की मांग करते हैं ताकि दुनिया को फिर से जीवित करने में मदद की जा सके. 2015 की एक रिसर्च में पाया गया था कि दुनिया के समुद्री पक्षी की आबादी करीब 70 फीसद तक घट गई है. पारिस्थितिकी और जल विज्ञान केंद्र ने घटना के पीछे बर्ड फ्लू से इंकार किया है लेकिन दूसरे संभावित कारणों जैसे शैवाल के फैलने से जहर की जांच कर रहा है. केंद्र मृत पक्षियों की संख्या और स्थान को दर्ज कर रहा है और उनके शरीर पर पोस्टमार्टम करने की बात कही है. फिर ये अगले बसंत प्रजनन कॉलोनियों की मॉनिटरिंग करेगा ये जानने के लिए कि संख्या में कितनी कमी आई है. 


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