महिंद्रा समूह के चेयरमैन बिजनेस टाइकून आनंद महिंद्रा ने आंध्र प्रदेश की विश्व प्रसिद्ध अराकू कॉफी का पेरिस में दूसरा कैफे खोलने की घोषणा की. महिंद्रा की इस घोषणा से आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू बेहद खुश हैं.
सीएम नायडू ने आनंद महिंद्रा की पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए 'एक्स' पर पोस्ट किया, ''पेरिस में एक और कैफे खुलने की अच्छी खबर है, मुझे खुशी है कि अराकू कॉफी को वैश्विक मान्यता मिल रही है, जिसकी वह हकदार है.''
मुख्यमंत्री ने लिखा, ''नंदी फाउंडेशन के अराकुनॉमिक्स और गिरिजन कोऑपरेटिव कॉरपोरेशन ने एक सपने को हकीकत में बदल दिया और साथ ही हमारे आदिवासी बहनों और भाइयों के जीवन को बदल दिया. मुझे उम्मीद है कि भविष्य में आंध्र प्रदेश से ऐसी और भी सफलता की कहानियांं सामने आएंगी.''
नंदी फाउंडेशन के बोर्ड के अध्यक्ष आनंद महिंद्रा ने पहले घोषणा की थी कि वे जल्द ही पैंथियन के पास पेरिस में दूसरा कैफे खोलेंगे. 30 जून को अपने 'मन की बात' कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अराकू कॉफी का जिक्र करने को लेकर उन्होंने धन्यवाद दिया.
उद्योगपति ने लिखा कि आदिवासी किसान अपनी अलग कृषि पद्धतियों का उपयोग कर अराकू घाटी में कॉफी उगाते हैं. यह अब एक विश्वव्यापी प्रसिद्ध ब्रांड है और इसे दुनिया की सबसे बेहतरीन कॉफी में से एक माना जाता है.
बिजनेस टाइकून ने कहा कि बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में वह चंद्रबाबू नायडू के कहने पर नंदी फाउंडेशन द्वारा की गई 25 साल की यात्रा से अच्छी तरह वाकिफ थे, जिन्होंने नंदी को शुरू करने और आदिवासी किसानों को उच्च गुणवत्ता वाली कॉफी उगाने के लिए प्रोत्साहित करते हुए उनके जीवन में बदलाव लाने के लिए स्वर्गीय डॉ रेड्डी (डॉ के अंजी रेड्डी) के साथ मिलकर काम किया.
आनंद महिंद्रा ने नंदी फाउंडेशन के सीईओ मनोज कुमार की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे कॉफी को वैश्विक ब्रांड बनाने के उनके और उनकी टीम के दृष्टिकोण से उत्साहित हैं। उन्होंने याद किया कि पहला आउटलेट पेरिस के मरैस जिले में खोला गया था।
महिंद्रा ने लिखा, ''आज पेरिस के लोग अपने रोजमर्रा के अराकू कप के लिए स्टोर के बाहर लंबी कतारों में खड़े हैं, और मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि हम जल्द ही पेरिस में पैंथियन के पास दूसरा कैफे खोलने जा रहे हैं. इसके अलावा हमारे पास बेंगलुरु और मुंबई में भी आउटलेट हैं.''
उन्होंंने कहा, ''जैसा कि प्रधानमंत्री ने कहा कि अब तक 300,000 से अधिक आदिवासी गरीबी से बाहर आ चुके हैं और 42,000 से अधिक किसान परिवार लखपति बन चुके हैं और कॉफी से प्रति सीजन 1,00,000 रुपये का मुनाफा कमा रहे हैं. सबसे अच्छी बात यह है कि इन आदिवासी परिवारों ने अब तक 45 मिलियन पेड़ भी लगाए हैं और इस मानसून में 6 मिलियन और पेड़ लगाए जाएंगे. यह भारत से वैश्विक सामाजिक उद्यम ब्रांड बनाने से मिलने वाला सच्चा 'रिटर्न ऑन इक्विटी' है.