मनीला: दुनियाभर में तमाम प्रयास किए जाने के बावजूद प्लास्टिक के प्रसार में कमी नहीं आ रही है. इससे प्रदूषण की समस्या विकराल बनी हुई है. पर्यावरण संबंधी एक दबाव समूह ने बुधवार को कहा कि धरती पर कचरा फैला रहे प्लास्टिक के लाखों टुकड़े कुछ बहुराष्ट्रीय कंपनियों (एमएनसी) से आते हैं. व्यक्तियों और पर्यावरणीय संगठन के वैश्विक गठबंधन ब्रेक फ्री फ्रॉम प्लास्टिक्स ने कहा है कि कोका-कोला, नेस्ले और पेप्सिको जैसी दुनिया की बड़ी कंपनियां सबसे अधिक प्लास्टिक का कचरा फैलाती हैं.


इस समूह के स्वयंसेवियों ने एक महीने पहले 51 देशों में ‘विश्व सफाई दिवस’ के दौरान प्लास्टिक के कचरे के तकरीबन पांच लाख टुकड़े जमा किए जिनमें से 43 प्रतिशत पर स्पष्ट तौर पर उपभोक्ता ब्रांड का नाम था. उसने कहा कि लगातार दूसरे साल कोका-कोला प्लास्टिक का कचरा फैलाने में शीर्ष पर है. चार महाद्वीपों के 37 देशों से उसके 11,732 प्लास्टिक के टुकड़े एकत्रित किए गए.


संस्था ने कहा कि चीन, इंडोनेशिया, फिलीपीन, वियतनाम और श्रीलंका समुद्र में सबसे अधिक प्लास्टिक का कचरा फेंकता है लेकिन एशिया में प्लास्टिक प्रदूषण पैदा करने वाले इसके असली कारक बहुराष्ट्रीय कंपनियां हैं जिनका मुख्यालय यूरोप और अमेरिका में है.


रिपोर्ट के अनुसार, कोका-कोला, पेप्सिको और नेस्ले प्लास्टिक के कचरे के लिए सबसे अधिक जिम्मेदार हैं. प्लास्टिक का कचरा फैलाने वाली शीर्ष 10 प्रदूषक कंपनियों में मोन्डेलेज इंटरनेशनल, यूनीलिवर, मार्स, पीएंडजी, कोलगेट-पामोलिव, फिलिप मोरिस और परफेटी वैन मिले शामिल हैं.


यह भी पढ़ें-


Diwali 2019: व्हाइट हाउस में तीसरी बार आज दिवाली मनाएंगे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप


वैज्ञानिकों की बनाई मशीन ने 200 सेकेंड में की वह गणना जिसमें कंप्यूटर को लगते 10 हजार साल


एनसीआरबी रिपोर्ट पर यूपी सरकार के प्रवक्ता ने कहा- गंभीर अपराध हुए कम, कानून-व्यवस्था सुधरी