समुद्र में डूबे खजाने पर कोलंबिया और बोलिविया आमने-सामने, अमेरिकी कंपनी मांग रही 50 %
Treasure in sea: कोलंबिया के समुद्री क्षेत्र में डूबे जहाज में पर कई देश और कंपनियां दावा कर रही हैं, क्योंकि जहाज के मलबे में भारी मात्रा में खजाना डूबे होने की बात कही जाती है.
Treasure in sea: कोलंबिया के जलक्षेत्र में करीब 300 साल पहले समुद्र में डूबे जहाज को निकालने का अभियान तेज हो गया है, जिसके बाद अब कई देश और कंपनियां इस जहाज पर अपना हक जता रही हैं. क्योंकि इस जहाज के मलबे में 16 अरब पाउंड का खजाना होने का दावा किया जाता है.
कोलंबिया के राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो ने हाल ही में इस गैलन सैन जोस नाम के स्पेनिश जहाज के मलबे को समुद्र से निकालने के निर्देश दिए हैं, यह जहाज कैरेबियन सागर में डूब गया था. इस जहाज पर कोलंबिया अपना हक जता रहा है क्योंकि यह जहाज उसके जल क्षेत्र में डूबा है, लेकिन जहाज पर अब बोलिविया भी हक जता रहा है, जिसके बाद दोनों देशों के बीच कानूनी लड़ाई शुरू हो गई है.
डेली स्टार न्यूज के मुताबिक, इस जहाज में 200 टन सोना, चांदी और पन्ना होने की बात कही जाती है, यह जहाज कैरेबियन सागर में साल 1708 में डूब गया था. बोलिवियाई लोगों का कहना है कि इक खजाने को उनके गुलाम पूर्वजों निकाला था. बोलिविया के सरकारी वकील मारियो लैंचो ने बताया कि इस जहाज पर हक जताने के लिए हमारे पास पर्याप्त अधिकार और ऐतिहासिक अनुभव है. इस जहाज में बगैर बोलिविया के सहमति के हस्तक्षेप को एक तरह की लूट माना जाएगा.
कोलंबिया सरकार खजाना निकालने में जुटी
इस जहाज को लेकर कई तरह के दावे किए जाते हैं, इस जहाज के साथ 4 अरब से लेकर 20 अरब पाउंड मूल्य के सोना, जवाहरात और पन्ना डूबे होने की बात कही जाती है. सैन जोस नाम के इस जहाज को "होली ग्रेल" नाम दिया गया था, क्योंकि समुद्र में यह सबसे अधिक खजाना ले जा रहा था. कोलंबिया की सरकार इसपर अपना हक जताते हुए अब इसे खोजने का अभियान चला रही है. साथ कई कंपनियां भी इसपर अपना हक जता रही हैं.
अमेरिका की कंपनी मांग रही हिस्सा
1708 में इस जहाज के डूबने के बाद साल 1981 में अमेरिका की कंपनी ने इस जहाज को खोजने का दावा किया और कोलंबिया के साथ डील भी की. साल 2015 में कोलंबिया के राष्ट्रपति जुआन मैनुअल सैंटोस ने दावा किया कि उनकी नेवी ने किसी दूसरे स्थान पर जहाज का मलबा खोजा है. इसके बाद अमेरिका की कंपनी अर्माडा ने कोलंबिया सरकार पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर दिया. कंपनी का कहना है कि उसने खजाने को खोजा है, इसकी वजह से खजाने पर आधा हक कंपनी का है.
यह भी पढ़ेंः क्या दोबारा भारत को मिल सकता है कच्चातिवु द्वीप? क्या है इसकी खासियत, कैसे श्रीलंका को मिला ये द्वीप