नई दिल्ली: रूस में राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन के लिए बड़ी खुशखबरी आई है, अब पुतिन 2036 तक सत्ता में बने रहेंगे. दरअसल संविधान संधोधन के लिए कराया गया जनमत संग्रह पुतिन के लिए खास साबित हुआ. राष्ट्रपति पुतिन को 2036 तक पद पर बने रहने के लिए संविधान संशोधन कानून को जनता का भरपूर सहयोग मिला है. कोरोना काल के बीच हुआ सात दिनों का जनता संग्रह बुधवार को समाप्त हो गया है.


बताया जा रहा है कि संविधान संशोधन को देश के लगभग 78 प्रतिशत मतदाताओं ने स्वीकृति प्रदान की है. रूस के चुनाव अधिकारियों ने गुरुवार को मतगणना पूरी होने के बाद यह जानकारी दी. क्रेमलिन के आलोचकों का कहना है कि अपेक्षित नतीजे पाने के लिए मतदान में धांधली की गई. रूस के केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने कहा कि सप्ताह भर चली मतदान की प्रकिया का अंत बुधवार को हुआ और गुरुवार की सुबह तक मतगणना पूरी कर ली गई थी.


10 साल में पुति न को सबसे अधिक समर्थन मिलने का पता चलता है


आयोग ने कहा कि 77.9 प्रतिशत मत संविधान संशोधन के पक्ष में पड़े और 21.3 प्रतिशत मत संशोधन के विरोध में डाले गए. चुनाव के आंकड़ों से दस साल में पुतिन को मिले सबसे ज्यादा जन समर्थन का पता चलता है. सन 2018 के चुनाव में 76.7 प्रतिशत मतदाताओं ने पुतिन की उम्मीदवारी का समर्थन किया था जबकि 2012 के चुनाव में केवल 63.6 प्रतिशत मतदाता पुतिन को राष्ट्रपति के रूप में देखना चाहते थे.


क्रेमलिन के आलोचकों का कहना है कि देश में जीवन स्तर घट रहा है जिससे देश में बड़े स्तर पर निराशा का माहौल व्याप्त है और ऐसे में पुतिन के पक्ष में आए मतदान के आंकड़े वास्तविक नहीं हैं.


वहीं,  जनता का विशवास जीतने के लिए पुतिन ने एक बहुत बड़ा अभियान चलाया था. पुतिन का कहना था कि हम उस देश के लिए मतदान करने जा रहे है, जिसके लिए हम काम करते है. साथ ही जिसे हम आगे अपने बच्चों को सौंपना चाहते है.


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