चीन के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को यहां कहा कि ‘‘अपने खुद के क्षेत्र में’’ चीन की विकास और निर्माण गतिविधियां सामान्य तथा दोषारोपण से परे हैं. मंत्रालय ने यह बात अरुणाचल प्रदेश में चीन के एक नया गांव बनाने की खबरों पर प्रतिक्रिया में कही. चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने एक मीडिया ब्रीफिंग में एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘जंगनान क्षेत्र (दक्षिण तिब्बत) पर चीन की स्थिति स्पष्ट और स्थिर है. हमने कभी भी तथाकथित अरुणाचल प्रदेश को मान्यता नहीं दी.’’


चीन अरुणाचल प्रदेश को दक्षिण तिब्बत का हिस्सा बताता है, जबकि भारत हमेशा कहता रहा है कि अरुणाचल उसका अभिन्न और अखंड हिस्सा है. चुनयिंग ने कहा कि ‘‘हमारे खुद के क्षेत्र में’’ चीन की विकास और निर्माण गतिविधियां सामान्य हैं. उन्होंने कहा, ‘‘यह दोषारोपण से परे है क्योंकि यह हमारा क्षेत्र है.’’


एक प्राइवेट चैनल ने एक रिपोर्ट में अरुणाचल प्रदेश के क्षेत्र की तस्वीरें दिखाई थीं जिसमें इसने कहा था कि चीन ने एक नए गांव का निर्माण किया है और इसमें लगभग 101 घर हैं. चैनल के अनुसार 26 अगस्त 2019 की पहली तस्वीर में कोई मानव आवास नहीं दिखा, लेकिन नवंबर 2020 में आई दूसरी तस्वीर में आवासीय निर्माण दिखे. भारत ने इस पर सधी प्रतिक्रिया देते हुए सोमवार को कहा था कि देश अपनी सुरक्षा पर असर डालने वाली सभी गतिविधियों पर लगातार नजर रखता है और अपनी संप्रभुता तथा क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाता है.


नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत ने सीमावर्ती क्षेत्रों में अपने नागरिकों की आजीविका में सुधार के लिए सड़कों और पुलों सहित बुनियादी ढांचे का निर्माण तेज कर दिया है. अरुणाचल प्रदेश में चीन के नया गांव स्थापित करने की खबरें ऐसे समय आई हैं जब भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में आठ महीने से अधिक समय से सैन्य गतिरोध बना हुआ है. दोनों देशों के बीच कई दौर की सैन्य और कूटनीतिक वार्ता के बाद भी गतिरोध का अब तक कोई समाधान नहीं निकला है.