Controversial Polygamy Bill: इस देश में बहुविवाह को कानूनी मान्यता देने पर छिड़ा विवाद, महिलाओं की मांग-सदन सुनिश्चित करे हमारे भी कई साथी हो सकते हैं
Ivory Coast’s Controversial Polygamy Bill: आखिर क्यों आईवरी कोस्ट में बहुविवाह विधेयक को लेकर विवाद हो रहा है. क्या है बहु विवाह प्रथा यहां जानिए...
Bill To Make Polygyny Legal: दुनिया के मानचित्र पर कई ऐसे छोटे-छोटे देश हैं जिनके बारे में बहुत से लोग जानते तक नहीं. ऐसा ही एक देश है आईवरी कोस्ट. पश्चिम अफ्रीका में स्थित आईवरी कोस्ट एक लोकतांत्रिक देश है, लेकिन इस देश में अधिक कार्यपालन की शक्तियां यहां के राष्ट्रपति के हाथों में है. देश की राजधानी यामोसुकरो है और आधिकारिक भाषा फ्रांसीसी है.
अब आप सोच रहे होंगे कि इस देश की आखिर हम चर्चा क्यों कर रहे हैं. इसका जवाब ये है कि हाल ही में इस देश में विवादास्पद बहुविवाह विधेयक लाया गया है जिसको लेकर आज दुनिया भर में चर्चा हो रही है. दरअसल, इस पश्चिम अफ्रीकी देश में बहुविवाह को कानूनी मान्यता देने वाला विधेयक सदन में पेश किया गया है.
इससे पहले की हम बात करें कि ये विधेयक क्या है और क्यों इस पर विवाद हो रहा है, आइए आपको पहले बता दें कि बहुविवाह प्रथा आखिर होती क्या है.
क्या है बहुविवाह प्रथा
बहुविवाह, जिसे अंग्रेजी में Polygamy कहते हैं वो एक ऐसी प्रथा है जिसमें कोई पुरुष या स्त्री एक से अधिक विवाह कर सकते हैं. इसके ठीक विपरीत Monogamy एक ऐसी प्रथा है जिसमें किसी भी समय केवल एक ही पार्टनर के साथ आपको रहना होता है. Monogamy में Polygamy की तरह लोगों के कई पार्टनर्स एक ही समय पर नहीं हो सकते हैं.
अधिकांश देशों में बहुविवाह प्रथा प्रचलित है. हालांकि भारत में इस पर प्रतिबंध लगा है. भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 494 और 495 के लागू होने के बाद बहुविवाह पर प्रतिबंध लगा. धारा 494 मौजूदा पति या पत्नी के जिंदा रहते दोबारा शादी करने के अपराध से संबंधित है.जबकि धारा 495 उस व्यक्ति से पूर्व विवाह को छिपाने के अपराध से संबंधित है जिसके साथ बाद में शादी का अनुबंध किया गया है.
धारा 494 और 495 के अलावा, बाद में 1955 में, बहुविवाह का निषेध अस्तित्व में आया. जहां से हिंदू विवाह अधिनियम का मसौदा तैयार किया गया था. इसने विशेष रूप से हिंदुओं को दो बार शादी करने को अपराधीकरण की श्रेणी में डाला. खासकर अगर पति या पत्नी अभी भी जीवित हों. हालांकि, आदिवासियों और मुसलमानों के लिए इसमें छूट है.
वहीं दुनिया के कई मुल्कों में बहुविवाह वैध है. इनमें से अधिकांश मुस्लिम देश शामिल हैं जहां बहुविहाह उनके पर्सनल लॉ के कारण वैध हैं. उनकी प्रथा और व्यक्तिगत कानून बहुविवाह की प्रथा को अभी भी वैध और कानूनी बनाए हुए हैं.
30 जून को इवोरियन संसद में बहुविवाह वैध करने के लिए विधेयक हुआ था पेश
अब बात करते हैं आईवरी कोस्ट इन दिनों बहुविवाह को लेकर क्यों चर्चा में है. दरअसल 30 जून को, इवोरियन संसद के एक सदस्य ने बहुविवाह को वैध बनाने के लिए एक विधेयक पेश किया था, जिसमें दावा किया गया कि यह प्रथा देश के सभी क्षेत्रों में व्यापक रूप से मौजूद है और अब कानूनी रूप से इसकी अनुमति दी जानी चाहिए.
देश के वर्तमान वैवाहिक कानून को पाखंड बताते हुए सांसद याकूबा संगारे ने बहुविवाह विधेयक पेश किया. सत्तारूढ़ द रैली ऑफ होस्टिस्ट फॉर डेमोक्रेसी एंड पीस (आरएचडीपी) पार्टी के निर्वाचित सदस्य याकूबा संगारे ने जून 2019 में बने कानून में संशोधन करने मांग की जो कहता है कि 'कोई भी पहली शादी खत्म होने से पहले दूसरी शादी नहीं कर सकता है.'
याकूबा संगारे के इस प्रस्ताव के बाद से महिला अधिकार संगठनों और नारीवादी समूहों में आक्रोश फैल गया है. उन्होंने कहा है कि यह विधेयक लैंगिक असमानता के खिलाफ लड़ाई को कमजोर करेगा.
आइवरी कोस्ट की शादी को लेकर खास बातें
-1964 के बाद से, आइवरी कोस्ट में एक सख्त मोनोगैमी प्रणाली देश में विवाह के लिए है जहां एक पुरुष या स्त्री किसी एक से ही शादी कर सकते हैं.
-प्यू रिसर्च सेंटर द्वारा किए गए 2019 के एक अध्ययन के अनुसार, हाल के वर्षों में बहुविवाह में गिरावट आई है, लेकिन यह अभी भी उप-सहारा अफ्रीका में व्यापक रूप से प्रचलित है. कुल आबादी के 10 प्रतिशत आबादी बहुविवाहित घरों में रहती हैं.
-आइवरी कोस्ट में, यह आंकड़ा थोड़ा अधिक है. एक ही अध्ययन के अनुसार, यहां 12 प्रतिशत घरों में बहुविवाह हैं.
-याकूबा संगारे बहुविवाह की वकालत साल 2014 से ही कर रहे हैं. उनका कहना है कि एक से अधिक पत्नी रखने की प्रथा सही है. उनका तर्क है कि बहुविवाह एक ऐसी घटना है जो उपनिवेशवाद से पहले की है और सदियों से उप-सहारा समाजों के ताने-बाने का हिस्सा रही हैं, इसलिए इसे मान्यता देनी चाहिए. याकूबा संगारे का कहना है कि देश में 1964 का कानून जो मोनोगैमी को सख्ती से मान्यता देता है, वो अप्रभावी है
बिल पर क्या प्रतिक्रियाएं हैं?
बिल का महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने कड़ा विरोध किया है और कहा है कि बहुविवाह महिलाओं के खिलाफ भेदभाव पैदा करता है. 11 जुलाई को इवोरियन लीग फॉर विमेन राइट्स द्वारा आयोजित एक समाचार सम्मेलन के दौरान, पूर्व महिला मामलों के मंत्री कॉन्स्टेंस यास ने बिल को उकसावे के रूप में वर्णित किया. यास ने कहा कि सांसद का यह कदम महिलाओं को अलग-थलग करने का एक नया प्रयास है.
उन्होंने कहा कि पुरुषों को एक से अधिक महिलाओं से शादी करने का विकल्प देना आइवोरियन कानून का खंडन करेगा. उन्होंने आइवोरियन संविधान के अनुच्छेद 4 का हवाला देते हुए कहा कि "सभी इवोरियन कानून की नजरों में स्वतंत्र और समान हैं. किसी से भी उनकी जाति, कबीले, जनजाति या लिंग के आधार पर विशेषाधिकार या भेदभाव नहीं किया जा सकता है."
यास ने कहा,''अगर वे इसे वैध बनाना चाहते हैं, तो सुनिश्चित करें कि महिलाओं के भी कई साथी हो सकते हैं. देखते हैं कि क्या सदन विवाह के मोर्चे पर लिंगों के बीच समानता पैदा करने वाला विधेयक पारित करेगा.''
आइवरी कोस्ट में महिलाओं के अधिकारों की स्थिति क्या है?
आइवरी कोस्ट में, हाल के वर्षों में महिलाओं के अधिकार और महिलाओं और लड़कियों के लिए कानूनी संरक्षण को मजबूत किया गया है. लेकिन वास्तव में, असमानताएं अभी भी बनी हुई हैं. संसद में केवल 12 प्रतिशत निर्वाचित सदस्य ही महिलाएं हैं. ऐसा तब है जब साल 2019 में सदन द्वारा समानता पर एक कानून पारित क्या गया था जिसमें कहा गया था कि राजनीतिक दलों को अपनी उम्मीदवार सूची में कम से कम 30 प्रतिशत महिलाओं को शामिल करना जरूरी है. सदन में महिलाओं की भागीदारी के मामले में आइवरी कोस्ट अपने पड़ोसी टोगो और रवांडा जैसे देशों से बहुत पीछे है. जहां लगभग दो-तिहाई सांसद महिलाएं हैं.
आगे क्या होगा ?
याकूबा संगारे द्वारा लाए गए बहुविवाह विधेयक को अभी भी सदन में मतदान के लिए प्रस्तुत किए जाने से पहले कई चरणों से गुजरना पड़ेगा. कानून में संशोधन होगा कि नहीं ये तो अभी नहीं कहा जा सकता लेकिन इवोरियन बहुविवाह और समाज में इसके स्थान के बारे में क्या सोचते हैं, इसे बेहतर ढंग से समझने के लिए अब तक कोई राष्ट्रीय जनमत सर्वेक्षण नहीं किया गया है. ऐसे में कहा नहीं जा सकता कि इवोरियन बहुविवाह के वैधीकरण के विरोध में हैं या पक्ष में, लेकिन महिलाओं ने इस विधेयक के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है.
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