पाकिस्तान में हिंदुस्तानी शायर का शेर पढ़कर प्रदर्शन करने वाली छात्रा वायरल, अनोखा है अंदाज
पड़ोसी देश पाकिस्तान में हिंदुस्तानी शायर बिस्मिल अजीमाबादी अचानक जिंदा हो उठे. उनकी कविता की चंद पंक्तियों का पढ़ना वहां के लोगों को बहुत नागवार गुजरा. और 'सरफरोशी की तमन्ना' पढ़नेवाली छात्रा को ट्रोल करना शुरू कर दिया.
लाहौर: भारत में देश की सबसे प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी में एक जेएनयू इन दिनों फीस बढ़ोतरी के खिलाफ प्रदर्शन को लेकर खबरों में है तो पाकिस्तान के लाहौर में हिंदुस्तानी शायर बिस्मिल अजीमाबादी की चंद पक्तियों के साथ एक छात्रा का अनोखा प्रदर्शन का वीडियो वायरल हो गया है. सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद ट्रोल आर्मी भी सक्रिय हो गयी और उसे निशाना बनाते हुए विरोध करना शुरू कर दिया.
एक तरफ छात्रा की तारीफ हो रही है तो दूसरे सवाल करने वालों ने पूछा, "क्या पाकिस्तान में शायरों की कमी पड़ गई थी?" किसी ने छात्रा की इस हरकत को स्टंटबाजी करार दिया. तो किसी ने उसकी नीयत पर शक करते हुए एनजीओ की फंडिंग बताया. दरअसल छात्रा ने लोगों को 'स्टूडेंट्स मार्च' में निमंत्रण देने का अनोखा तरीका अपनाया था. जिस पर लोगों ने आपत्ति जताते हुए कहा, "विरोध का ये कैसा तरीका ?"
विरोध में शामिल होने के लिए निमंत्रण का ये कैसा तरीका ?
वीडियो में नजर आनेवाली छात्रा का नाम उरुज औरंगजेब है. उरुज लाहौर में आयोजित ‘फैज फेस्टिवल’ में हिंदुस्तानी शायर बिस्मिल अजीमाबादी की ‘सरफरोशी की तमन्ना वाली’ चंद पक्तिंयां गा रही हैं. ऐसा करने के पीछे उरुज मकसद बताती हैं, “29 नवंबर को होनेवाले छात्रों के मार्च में शामिल होने के लिए लोगों को दावत देना था.”
उरुज थियेटर कलाकार भी हैं. अपनी आवाज को लोगों तक पहुंचाने के लिए उन्होंने बिस्मिल अजीमाबादी की पंक्तियों को चुना. इस पर उरुज कहती हैं, “ हक की बात करनेवालों को सरहद में कैद नहीं किया जा सकता.” उन्होंने कहा,” अगर जिंदगी आसान होती तो फिर हम क्यों निकलते ? ज्यादा से ज्याद लोग हमारी दावत को कबूल कर मार्च में आएं, यही हमारा मकसद है.” उरुज का कहना है कि पाकिस्तान में कोई औरत बोल पड़े तो ये विवाद बन जाता है जबकि ये कोई नहीं देखता उसने क्या बोला है.
पाकिस्तान में 29 नवंबर को मार्च के जरिए छात्र विरोध-प्रदर्शन करने करनेवाले हैं. इस दौरान छात्रों के एजेंडे में कई मुद्दे शामिल होंगे. जिसमें प्रमुख रूप से शिक्षण संस्थानों में भेदभाव खत्म करन, यूनियन के गठन की मंजूरी देना, कैंपस में शोषण पर रोक, छात्रों को सियासी गतिविधियों में शामिल होने की इजाजत देने पर विचार किया जाएगा.
sarfaroshi kī tamanna ab hamare dil mein hai dekhna hai zor kitnā baazu-e-qatil mein hai #Lahore #faizfestival2019 pic.twitter.com/zGdL8uU11W
— Shiraz Hassan (@ShirazHassan) November 17, 2019