Controversy over Bharat and India: जी20 समिट के दौरान डिनर के लिए भेजे गए राष्ट्रपति के उस निमंत्रण पत्र पर विवाद छिड़ गया है जिसमें 'प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया' की जगह 'प्रेसिडेंट ऑफ भारत' लिखा है. बता दें कि यह शब्द इंडिया का हिंदी नाम है.इस मुद्दे को दुनिया भर के मीडिया संस्थानों ने अपनी रिपोर्ट में जगह दी है. 'भारत' या 'इंडिया' की चर्चा के बीच टाइम मैगजीन ने लिखा है कि कुछ हिंदू राष्ट्रवादियों के कारण यह विवाद हो रहा है.
टाइम मैगजीन ने लिखा है कि भारत अब दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश है , साथ ही सबसे तेजी से उभरता हुआ अर्थव्यवस्था बन गया है. टाइम ने अपनी रिपोर्ट में आगे लिखा है कि इस साल 9 से 10 सितंबर तक चलने वाले वार्षिक जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी के अलावा, भारत ने हाल ही में एक ऐतिहासिक चंद्रमा लैंडिंग भी पूरी की है.
मोहन भागवत के बयान के बाद हुआ बदलाव
जी20 समिट के दौरान डिनर के लिए भेजे गए राष्ट्रपति के उस निमंत्रण में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को 'प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया' न कह के, 'प्रेसिडेंट ऑफ भारत' कहा गया है. मैगजीन ने लिखा है कि निमंत्रण की खबर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के वैचारिक संरक्षक, हिंदू राष्ट्रवादी संगठन ( राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ) के प्रमुख मोहन भागवत के एक भाषण के दो दिन बाद आई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि देश को इंडिया के बजाय भारत शब्द का उपयोग करना चाहिए.
भाजपा नेताओं ने भागवत के बयान का किया समर्थन
भागवत ने कहा था कि कभी-कभी हम इंडिया का इस्तेमाल करते हैं ताकि अंग्रेजी बोलने वाले समझ सकें. लेकिन हमें इसका इस्तेमाल बंद करना चाहिए. दुनिया में आप जहां भी जाएं, देश का नाम भारत ही भारत रहेगा. जिसके बाद सोशल मीडिया पर कई भाजपा नेताओं ने मोहन भागवत के बयान की सराहना की है. साथ ही उनके बयान का समर्थन किया है. लेकिन बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, इस बात की कोई पुष्टि नहीं हुई है कि सरकार औपचारिक नाम बदलने पर विचार कर रही है.
इस विवाद पर वाशिंगटन, डी.सी. के विल्सन सेंटर में दक्षिण एशिया संस्थान के निदेशक माइकल कुगेलमैन कहते हैं कि 'हमने देखा है कि मोदी और भाजपा आधुनिक भारत को औपनिवेशिक अतीत से दूर करना चाहती है. और इसलिए हमने उन सड़कों का नाम बदलने की प्रवृत्ति देखी है जिनके नाम औपनिवेशिक अतीत को संदर्भित करते हैं.
विपक्षी दलों ने इंडिया रखा है अपना नाम
समकालीन भारत की इतिहासकार रविंदर कौर का कहना है कि दो महीने पहले, विपक्षी दलों के गठबंधन ने 2024 लोकसभा चुनाव के लिए अपना नाम "इंडिया" रख लिया, जिसके बाद भाजपा सरकार इंडिया की जगह भारत शब्द का उपयोग कर रही है. टाइम ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि इंडिया नाम सिंधु नदी के लिए संस्कृत शब्द सिंधु का अंग्रेजीकरण है, और इसे 1858 से 1947 तक भारत पर क्राउन के शासन के दौरान पेश किया गया था. भारत नाम, जो संस्कृत भी है, प्राचीन हिंदू धार्मिक ग्रंथों, पुराणों से उत्पन्न हुआ है. ग्रंथों में एक बड़े भूभाग का वर्णन किया गया है जिस पर मनुष्य रहते हैं और इस भूभाग के एक क्षेत्र को भारतवर्ष कहा जाता है. देश का एक अन्य लोकप्रिय नाम हिंदुस्तान है, जिसका फ़ारसी में अर्थ है "सिंधु की भूमि". मुगल काल के दौरान भारत को इसी नाम से पुकारा जाता था. अ